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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Wed ,14 Jun 2017 06:06:48 pm |
धनबाद कोयलांचल के लिए "श्राप "बन चुकी भूमिगत आग ने धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन को लील लिया। इस रेलखंड पर वर्ष 1894 में पहली बार ट्रैन का परिचालन शुरू हुआ था ,जो 123 वर्ष के बाद 15 जून को बंद हो जायेगा। ट्रैन परिचालन बंद होने से लाखों यात्री परेशान होंगे ही रेलवे को अरबों रूपये का नुकसान उठाना पड़ेगा।
धनबाद चंद्रपुरा रेल खंड पर 20 मई 1894 को कतरास से धनबाद होते हुए ब्रेकर तक पहली ट्रैन चली थी। 123 वर्ष पुरानी इस रेल खंड पर 15 जून से पूरी तरह यात्री एवं माल वाहक ट्रेनों का परिचालन बंद किये जाने की घोषणा रेल मंत्रालय कर चूका है। 34 किलोमीटर लम्बी रेल लाइन में से 14 किलोमीटर का हिस्सा अग्नि प्रभावित क्षेत्र से गुजरने की बात कही गयी है। धनबाद से चंद्रपुरा के बीच एक दर्जन से अधिक छोटे बड़े स्टेशन हैं और 9 साइडिंग से रेलवे रैक में कोयले की लदायी होती है। इस रूट से प्रतिदिन कम से कम 10 जोड़ी मालगाड़ी से देश के विभिन्न राज्यों के थर्मल पावर स्टेशनों में कोयले की आपूर्ति होती थी जो अब बंद हो जायेंगे। ट्रेनों से लेकर रेलवे स्टेशनों तक हजारो की संख्या में छोटे छोटे व्यापर। करने वालो के सामने अब अचानक भुखमरी की स्थिति आ जाएगी। कोयलांचल का बड़ा हिस्सा अब रेलवे सुविधा से वंचित हो जायेगा ही ,देश के विभिन्न राज्यों और बड़े शहरो के साथ धनबाद का सीधा सम्पर्क टूट जायेगा।
धनबाद रेल मंडल के DRM की मानें तो रेल पटरियों के आस पास आग की सूचना होने के बाद भी हम सुरक्षित ट्रैन चला रहे थे। अग्नि प्रभावित क्षेत्र की रेल पटरियों का रोज निरीक्षण होता था। DRM का कहना है कि वैकल्पिक रूट जब तक बनता तब तक हम इसी रूट पर सुरक्षित ढंग से ट्रैन चला सकते थे।
धनबाद चंद्रपुरा रेल खंड में बी सी सी एल के साइडिंग से देश के अलग अलग राज्यों के थर्मल पावर स्टेशनों में कोयला जाता था। अब इस रुत पर ट्रेनों के बंद होने और नई साइडिंग का व्यवस्था होने तक थर्मल पावर स्टेशनों के समक्ष कोयला संकट की स्थिति उतपन्न हो सकती है।।
धनबाद चंद्रपुरा रेल खंड पर ट्रेनों का परिचालन बंद होने से धनबाद मंडल को यात्री ट्रैन से 125 करोड़ और कोयला ढुलाई से 2500 करोड़ रूपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।
DRM का कहना है कि गोमो चंद्रपुरा रेल लाइन पर पहले से ही क्षमता से अधिक ट्रेनें चल रही हैं। अब इस रूट पर नई ट्रैन चलाई गयी तो बोकारो स्टील प्लांट के उत्पादन पर इसका असर पड़ेगा |
खान सुरक्षा महानिदेशालय के रिपोर्ट में 14 किलोमीटर रेल पटरी को आग से खतरा बताया गया है। DGMS ने भूमिगत आग के कारण रेल परिचालन को सुरक्षित नहीं माना था। DGMS के रिपोर्ट के आधार पर ही इस खंड पर ट्रेनों का परिचालन बंद किया गया है
इधर ट्रेनों के परिचालन बंद होने के बाद विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने 8 स्टेशनों पर निषेधाज्ञा की धारा 144 लागू करने की घोषणा की है | धनबाद के उपायुक्त ने कहा है कि विरोध करने वालो से सख्ती से निपटा जाएगा |
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