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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Fri ,26 May 2017 07:05:21 pm |
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि समय के साथ 20 सूत्री की प्राथमिकताएं भी बदली हैं. 1975 की जरूरतें अलग थीं, आज की अलग हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए झारखंड सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर इसमें बदलाव का आग्रह किया है. श्री दास गुरुवार को धुर्वा स्थित जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडलीय 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बीमारियों के बचने के लिए स्वच्छता, गरीबों को एलपीजी कनेक्शन, कालाधन रोकने के लिए डिजिटल और कैशलेस व्यवस्था जैसी चीजों की जरूरत महसूस हो रही हैं. इन्हें 20 सूत्री में जोड़ने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हर तीन माह में प्रखंड और जिला स्तरीय 20 सूत्री की बैठक होनी चाहिए. हर छह माह में राज्य 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति बैठे. प्रगति की समीक्षा करे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 सूत्री सदस्यों को विकास योजनाओं की पूरी जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे संबंधित अधिकारी से प्रगति के बारे में जान सकें. प्रखंड 20 सूत्री के पदाधिकारी व सदस्य अपने प्रखंड को स्वच्छ, ओडीएफ प्रखंड बनाने के लिए प्रतियोगिता करें. राज्य गठन के बाद पहली बार 20 सूत्री पदाधिकारियों व सदस्यों के बैठने के लिए कार्यालय उपलब्ध कराने का काम शुरू किया गया है.
कार्यशाला को सांसद रामटहल चौधरी, राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार, विधायक नवीन जायसवाल, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा समेत अन्य अधिकारियों ने संबोधित किया. ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि प्रखंड व जिलों में 20 सूत्री सदस्यों को बैठने के लिए 70 स्थानों पर व्यवस्था की जा रही है. कई भवन बन कर तैयार हो गये हैं. अगले साथ 80 और जगहों पर भवन का निर्माण कर इनके बैठने के लिए व्यवस्था की जायेगी
राज्य 20 सूत्री क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद ने कहा कि राज्य के पांचों प्रमंडलों में 20 सूत्री सदस्यों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें तीन हजार ज्यादा प्रतिनिधि व अधिकारी शामिल हुए. प्रखंड व जिला समिति माह के पहले सप्ताह में रिपोर्ट दें ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन को सही ढंग से कराया जा सके.
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने धनबाद के तत्कालीन वाणिज्य कर उपायुक्त मुकेश कुमार की प्रोन्नति एक वर्ष के लिए रोकने का आदेश दिया है. मुकेश कुमार की एक वेतनवृद्धि पर भी रोक लगायी गयी है. उन पर सात व्यवसायियों को फायदा पहुंचाने का आरोप था. उन्होंने व्यवसायियों के विरुद्ध दायर किये गये पुनरीक्षण वाद न्यायिक प्रक्रिया के अधीन रहने के बाद भी दबाव देकर अधीनस्थ पदाधिकारी को मामलों के निष्पादन का आदेश दिया था. इससे सरकार को 96.02 लाख रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा. मई 2013 में उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी थी. जांच पदाधिकारी ने अपने प्रतिवेदन में मुकेश कुमार पर लगाये गये आरोपों को सही बताया था
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