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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Thu ,04 May 2017 06:05:38 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो - मुख्यमंत्री ने निदेष दिया कि जहां नहर से पानी नहीं पहुंचाया जा सकता है, वहां पाइपलाइन के माध्यम से पानी पहुंचाने का कार्य करें। पाइपलाइन बिछाने, बैराज बनाने व जल वितरण का नेटवर्क बनाने पर एक साथ काम चलता रहे, ताकि निश्चित समय में लक्ष्य पूरा हो सके। मुख्यमंत्री रघुवर दास आज जल संसाधन विकास विभाग की कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को योजनाओं से जोड़ें। जहां नहर या पाइपलाइन के लिए जमीन की जरूरत है, वहां सीधे लोगों से बात करें। उनकी समस्या सुनें तथा उसका निपटारा भी करें। बिचैलियों को दूर रखें। इससे काम में तेजी आयेगी और लोगों का विरोध भी नहीं होगा।
मुख्यमंत्री दास ने स्वर्णरेखा मल्टीपरपस प्रोजेक्ट की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि वर्षोंं पूर्व बनायी गयी वैसी योजना जो उपयोगी नही है, को स्थगित की जाय। बड़े उद्योगों पर बकाया वाटर टैरिफ संबंधित मामला को निष्पादित करें। जिन कम्पनियों ने उद्योग लगाने क कार्य प्रारंभ नही किया है, उन्हें एक माह का नोटिस देकर पानी का आवंटन रदद् करें। जो कम्पनी उद्योग प्रारंभ करना चाह रही है, उन्हें शीघ्र पानी आवंटित करें।जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव श्री सुखदेव सिंह ने बैठक में जानकारी दी कि पिछले दो साल में विभाग का व्यय दोगुणा बढ़ा है। 2013-14 तक जहां औसतन 700 करोड़ रुपये खर्च किये जाते थे, वहीं वर्ष 2016-17 के दौरान 1544 करोड़ रुपये खर्च किये गये। इससे परियोजनाएं तेजी से पूर्ण की जा सकेंगी
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