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कपिल सिब्बल हमला- कहा है मोदी की नीति- वे कहां गयी जो प्रधानमंत्री को चुडियां भेजती थी- मोदी को क्यूं नहीं देती

By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Tue ,02 May 2017 06:05:49 pm |


समाचार नाऊ ब्यूरो - कंग्रेस वरिष्ठ नेता और  पूर्व केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि  इस हादसे की हम घोर निंदा करते हैं और प्रधानमंत्री जी को याद दिलाते हैं वो बयानात 2014 चुनाव से पहले जब ऐसे हादसे होते थे और हम उम्मीद रखते हैं कि इसका मुँहतोड़ जवाब दिया जाएगा। जब सर्जिकल स्ट्राईक हुई थी तो हम सबने मिलकर सरकार के पक्ष में बोला था और प्रधानमंत्री जी ने ये कहा था और विश्वास दिलाया था कि ये कदम पहले कभी नहीं उठाया गया था और हमें उम्मीद थी कि ऐसे हादसे इसके बाद नहीं होंगे। लेकिन ये उम्मीद निराशा में बदल गई, रोज के रोज कोई ना कोई हादसा होता है।

जब यूपीए की सरकार थी तो संसद में भाजपा की एक ऐसी महिला सदस्य थी जो कहती थी कि क्या हमें प्रधानमंत्री जी को चूडियाँ भेजनी चाहिएं। तो क्या जो महिला इस सरकार में आज मंत्री हैं अपने प्रधानमंत्री जी को चूडियाँ भेजेंगी? ये कैसे प्रधानमंत्री हैं, ये कैसी सरकार है जानते हुए भी कि पाकिस्तान बाज नहीं आएगा, ये पाकिस्तान की आईएसआई को पठानकोट बुला लेते हैं, जेआईटी के द्वारा। वहाँ जन्मदिन मनाने जाते हैं। उन लोगों को जिनके दिल में हिंदुस्तान के प्रति केवल घृणा है, उनको गले लगाते हैं, उनको अपने शपथ समारोह में बुलाते हैं। दुख तो ये है कि इस सरकार की कोई नीति ही नहीं है।

आपको शायद मालूम नहीं कि पाकिस्तानी जनरल बाजवा ने इस आक्रमण पर क्या कहा है?

Genl. Bajwa had said in this regard "The violence perpetuated by Indian forces in 'IOK' – meaning Indian Occupied Kashmir – a State sponsored terrorism. This violence rise passions on this side of the LoC as well as people of Pakistan cannot remain indifferent to the barbaric treatment meted out to defenceless Kashmirees including women and children.

ये उनकी सोच है। ये तो इनके बयानात हैं। तो आप सोच सकते हैं और प्रधानमंत्री जी को ये अब मान लेना चाहिए कि पाकिस्तान के प्रति कोई ऐसी उम्मीद न रखें और कोई गले लगाने की जरुरत नहीं है, ना ही जन्मदिन में जाने की जरुरत है।

He want action.

पिछले 35 महिनों में 135 जवानों की जम्मू-कश्मीर में मृत्यु हुई। मैं पूछना चाहता हूं सरकार से कि इसका जिम्मेदार कौन है? अभी 2 दिन पहले कुपवाड़ा में एक मेजर की हत्या हुई, मैं सरकार से पूछना चाहता हूं- कौन है जिम्मेदार इसके लिए? छत्तीसगढ़, सुकमा में जिस तरह से माओवादियों ने हमला किया, मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि कौन है इसके लिए जिम्मेदार?

आपको याद होगा कि नोटबंदी के वक्त इन्होंने कहा था कि इसके बाद आतंकवाद खत्म हो जाएगा। लेकिन आतंकवाद बढ़ गया है खत्म नहीं हुआ। इनकी कोई नीति नहीं है, इनको फुरसत नहीं है। प्रचार से फुरसत मिलेगी तभी तो सरहद की सुरक्षा होगी, ईवेंट मैनजमेंट बंद करेंगे तभी तो सरहद की सुरक्षा होगी। 250 मीटर हमारी सरहद के अंदर आकर पाकिस्तानियों ने हमला किया, कृष्णा घाटी, पुंछ में और आज यहाँ बैठ कर विजय दिवस मनाया जा रहा है। ताज्जुब की बात है। विजय दिवस हमने तब मनाया था जब पाकिस्तान के टुकड़े हुए थे। सुकमा हमले के बाद और इस हादसे के बाद जश्न मनाया जाए, ये शर्मनाक बात है।

दुख की बात ये है कि प्रधानमंत्री जी और इस सरकार की देश की सुरक्षा के संदर्भ में कोई नीति नहीं है। क्या करेंगे, कब करेंगे, कैसे करेंगे ये तो आर्मी ही डिसाईड करेगी, लेकिन एक नीति तो बनानी चाहिए ना और हम लोगों के साथ कोई बातचीत ही नहीं, क्योंकि वक्त ही नही है इनके पास। इतना वक्त निकल जाता है विजयदिवस मनाने में, अपना प्रचार करने में। चाहे वो गोवा हो, उत्तर प्रदेश हो, गुजरात हो, 2019 का चुनाव हो, 2024 का हो या 2029 का, चुनाव के बारे में सोचते हैं तो अभी देश की सुरक्षा का कैसे सोचेंगे? आगामी सोच है इनकी जो इतनी दूर तक जाती है कि जमीनी सच्चाई को ये भूल जाते हैं। तो हमारा आग्रह है इस सरकार से कि आप चूडियाँ उतारिए और कुछ करके दिखाईए और एक नीति तय कीजिए।

मुझे याद है जब हेमराज का सर कटा था तो सुषमा जी ने क्या कहा था- 'एक के बदले 10'। तो प्रधानमंत्री जी से हम पूछना चाहते हैं कि 'अब 2 के बदले कितने'?   

अरुण जेटली जी के बयान पर पूछे गए श्री सिब्बल ने कहा कि ये तो पार्ट टाईम स्टेटमेंट है, ये कौन सा फुल टाईम स्टेटमेंट है? फुल टाईम डिफेंस मिनिस्टर होगा, तभी तो फुल टाईम स्टेटमेंट होगी



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