Breaking News
By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Wed ,19 Apr 2017 05:04:39 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो जमशेदपुर : मैं यूनिवर्सिटी अॉफ न्यूयॉर्क में पढ़ाई कर रहा था. जैसा आम यूथ पढ़ाई कर नौकरी खोजता है. मैं भी नौकरी खोजने के लिए निकला. पता चला एक मेरे प्रोफेसर ब्रूश मायस वांडर को अॉफिस असिस्टेंट की जरूरत है. इस पद के लिए मैं इंटरव्यू देने के लिए गया.
लेकिन मुझे रिजेक्ट कर दिया गया. उन्होंने शायद मुझमें कोई प्रतिभा नहीं देखी होगी. इसके बाद मैंने अपना स्टार्टअप शुरू किया. शुरू में काफी तकलीफ हुई, लेकिन मात्र आठ साल में ही स्थिति यह है कि मैं अब यूथ इंटरप्रेन्योर को आगे बढ़ाने के लिए 650 करोड़ रुपये देने के लायक हूं.
यह कह कर श्रीनिवास ने एक लंबी सांस ली, अौर कहा कि मैं भी आम यूथ की तरह साधारण परिवार से ताल्लुक रखता हूं. पिता किसान हैं, प्रारंभिक शिक्षा विजडवाड़ा में हुई, अौर अब दुनिया के 34 देशों में व्यापार फैला हुआ है. यह कहानी है ग्लोबल बिजनेस इक्यूबेटर के 29 वर्षीय चेयरमैन श्रीनिवास गोगिनेनी की. वह मंगलवार को जमशेदपुर पहुंचे थे. शहर पहुंचने के बाद एक्सएलआरआइ अॉडिटोरियम में उन्होंने स्टार्टअप चैलेंज के दौरान शहर के युवाअों को इंटरप्रेन्योर से जुड़ने का आह्वान किया.
इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनमें अौर दूसरे युवाअों में किसी प्रकार का कोई अंतर नहीं है. युवाअों को सोचना चाहिए, लेकिन तकलीफ इस बात की है कि आज के युवाअों में एनर्जी, आइडिया व ज्ञान के होने के बाद भी उन्होंने सोचना बंद कर दिया है. उन्होंने कहा कि इनोवेशन से हर समस्या का समाधान संभव है. पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि जब वे पहली नौकरी के लिए इंटरव्यू देने के लिए गये तो उनके प्रोफेसर ही उनके इंटरव्यूअर थे. उस वक्त वे तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक अोबामा के सलाहकार भी थी.
लेकिन उन्होंने रिजेक्ट कर दिया, लेकिन आज वे मेरी बिजनेस पार्टनर हैं. इसे बताने का अर्थ सिर्फ इतना है कि अगर कोई सच्चे दिल से चाह ले कि उसे खुद को साबित कर दिखाना है तो फिर कुछ भी असंभव नहीं है. श्रीनिवास ने कहा कि झारखंड के लोगों में पोटेंशियल है, आइडिया भी है, जरूरत उन्हें सही तरीके से गाइड करने की है.
All rights reserved © 2013-2024 samacharnow.com
Developed by Mania Group Of Technology.