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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Sat ,15 Apr 2017 06:04:01 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो रांची: राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने कहा कि बाबा साहेब डॉ भीम राव आंबेडकर युग द्रष्टा थे. दलित परिवार में जन्म लेनेवाले इस महापुरुष ने अपने कर्म व योग्यता से देश में अपनी विशिष्ट पहचान बनायी. वह एक चिंतक व कर्मयोगी थे. उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. वे सही अर्थ में समाज के प्रेरक व मार्गदर्शक थे. उनका दर्शन व चिंतन समाज की समस्याओं पर आधारित था.
राज्यपाल शुक्रवार को हाइकोर्ट के समक्ष आयोजित आंबेडकर जयंती के मौके पर बोल रहीं थी. उन्होंने कहा कि डॉ आंबेडकर ने लोगों से शिक्षित बनने, संगठित रहने व संघर्ष करने का आह्वान किया था. उन्होंने समाज में व्याप्त भेद-भाव व छुआछूत को मिटाने के लिए जीवन भर संघर्ष किया. वर्तमान में दलितों को जो सम्मान मिल रहा है, वह डॉ आंबेडकर की ही देन है. इससे पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुरमू, मुख्यमंत्री रघुवर दास, मंत्री अमर बाउरी, मंत्री सीपी सिंह व डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने डॉ आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय अनुसूचित जाति महासभा व अनुसूचित जाति-जनजाति कर्मचारी महासंघ ने किया था. इस अवसर पर महासभा के अध्यक्ष पीआर रंजन, उपेंद्र रजक व महासंघ के अध्यक्ष हरि नारायण महली आदि उपस्थित थे.
दलितों को उचित सम्मान दिलाया : अमर बाउरी
कला संस्कृति मंत्री अमर बाउरी ने कहा कि डॉ भीम राव अांबेडकर के कारण ही दलितों को समाज में उचित सम्मान मिला. उन्होंने संविधान के माध्यम से समाज के दबे-कुचले लोगों को अधिकार दिलाने का कार्य किया. आज समाज को उनके दिखाये रास्ते पर चलने की जरूरत है.
अनपढ़ लोगों को शिक्षित करें : सीपी सिंह
नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि डॉ आंबेडकर की जयंती मनाने का उद्देश्य तभी पूरा होगा, जब हम उनके दिखाये रास्ते पर चलेंगे. उन्होंने पढ़े-लिखे लोगों से अनपढ़ लोगों को शिक्षित करने का आह्वान किया. श्री सिंह ने कहा कि शिक्षित व्यक्ति अपने अधिकार को जान सकते हैं और उसे प्राप्त कर सकते हैं
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