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राजनीतिक दलों में शामिल होने की फिराक में उग्रवादी

By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Sat ,15 Apr 2017 06:04:34 pm |


समाचार नाऊ ब्यूरो - रांची: चतरा, लातेहार व पलामू इलाके में करोड़ों की लेवी वसूलने वाले टीपीसी के कई बड़े उग्रवादी राजनीतिक दलों में शामिल होनेवाले हैं. इसके लिए एक राष्ट्रीय और दो स्थानीय राजनीतिक दल के नेताओं से कई बार बातचीत हो चुकी है. टीपीसी से नजदीकी संबंध रखनेवाले दो नेता मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं. 


जिन उग्रवादियों के राजनीतिक दल से जुड़ने की चर्चा है, उसमें टीपीसी सुप्रीमो ब्रजेश गंझू आक्रमण, कोहराम, नीरज, बिंदु गंझू, टीपीसी के मददगार सुधांशु, अभिषेक आदि के नाम प्रमुख हैं. हालांकि अभी तक इस खबर की पुष्टि टीपीसी के किसी उग्रवादी ने नहीं की है. लेकिन सूत्रों ने दावा किया है कि जल्द ही टीपीसी के सभी बड़े उग्रवादी राजनीतिक पार्टी में शामिल होकर अदालत में सरेंडर कर देंगे. ताकि वर्ष 2019-20 के विधानसभा चुनाव तक वह जेल से बाहर निकल सकें. उनकी योजना है कि जो मामले उन पर दर्ज हैं, उसमें जमानत ले सकें या बरी हो जायें.

ताकि चुनाव में शामिल होकर विधानसभा पहुंच सके. उल्लेखनीय है कि टीपीसी के उग्रवादी चतरा के टंडवा में चल रहे आम्रपाली व मगध कोल परियोजना में काम करनेवाले कोयला कारोबारियों से हर माह आठ करोड़ से अधिक की लेवी वसूलते हैं. टीपीसी के बड़े उग्रवादियों ने अकूत संपत्ति अर्जित कर ली है. कई बार पुलिस ने बड़े उग्रवादियों के ठिकानों से लाखों रुपये बरामद किये हैं. हाल में पुलिस ने कुछ बड़े उग्रवादियों के घर की कुर्की भी की है. सूत्रों के मुताबिक इन्हीं कारणों से टीपीसी के उग्रवादी राजनीतिक दलों में शामिल होकर मुख्यधारा में लौटना चाह रहे हैं. 

झारखंड में सक्रिय भाकपा माओवादी, पीएलएफआई और टीपीसी के लिए काम कर चुके कई नक्सली पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं. गिरफ्तारी के बाद कामेश्वर बैठा ने पलामू से चुनाव लड़ा था और सांसद भी बने थे. तोरपा विधायक पौलुस सोरेन भी कभी पीएलएफआई के करीबी माने जाते थे. जेवीएम से चुनाव लड़ कर भाजपा में शामिल होनेवाले सिमरिया के विधायक गणेश गंझू भी टीपीसी में थे. वह टीपीसी के सुप्रीमो ब्रजेश गंझू के भाई हैं. 2016 में ब्रजेश गंझू ने खुद जिला परिषद का चुनाव लड़ कर जीता था. लापता रहते हुए चुनाव लड़ने के दौरान उसकी गिरफ्तारी नहीं होने से चतरा पुलिस की फजीहत हुई थी. बाद में ब्रजेश का चुनाव रद्द कर दिया गया था. टीपीसी के कई दूसरे उग्रवादियों की पत्नी जिला व पंचायत स्तर का चुनाव जीत कर काम कर रही हैं. डेढ़ माह पहले जमशेदपुर में सरेंडर करनेवाले नक्सली कान्हू मुंडा ने भी चुनाव लड़ने की ओर इशारा किया है



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