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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Mon ,03 Apr 2017 07:04:53 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो इलाहाबाद: उत्तर प्रदेश की 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों के समान सुविधायें दिए जाने को लेकर राज्य सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना पर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने इन सभी जातियों पर लगी रोक हटा ली है। हाईकोर्ट ने निषाद, मल्लाह, केवट, मांझी, मझवार, बिन्द, राजभर और भर सहित यूपी की 17 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जातियों के समान सुविधायें दिए जाने पर लगी रोक हटा ली है।
हाईकोर्ट ने कहा है कि जिन जातियों को जाति प्रमाण पत्र जारी हो चुका है, वह याचिका के फैसले पर निर्भर करेगा। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और अन्य पक्षकारों से आठ हफ्ते में जवाब भी तलब कर लिया है। कोर्ट ने प्रमाण पत्र प्राप्त लोगों को भी पक्षकार बनाये जाने की छूट दी है। मामले की अगली सुनवाई 4 सितम्बर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों के समान सुविधायें दिए जाने को लेकर राज्य सरकार की ओर से 21 दिसम्बर 2016, 22 दिसम्बर 2016 और 31 दिसम्बर 2016 को अधिसूचना जारी की गई थी।
हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव समाज कल्याण को आदेश दिया था कि प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को इस बाबत निर्देश जारी करें। ताकि किसी भी जिले में इन 17 ओबीसी जातियों को एससी का सर्टिफिकेट न जारी किया जाये। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डी बी भोसले और जस्टिस यशवन्त वर्मा की डिवीजन बेंच में हुई।
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