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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Sat ,01 Apr 2017 05:04:10 pm |
बिहार में प्रति वर्ष प्रति हजार 42 बच्चों की होती है मौतः डा. जायसवाल
समाचार नाऊ ब्यूरो - विश्व में लगभग 12 लाख बच्चों की मौत होती अपने पांचवें जन्म दिन से पहले हो जाती है, जिसमें 1.75 लाख बच्चों की मौत निमोनिया के कारण होती है। इसकी रोक-थाम के लिए अगले माह यानी अप्रैल में पीसीवी (नीमोकोकल काॅनजुगेट वैक्सीन) वैक्सीन की बिहार, उत्तर प्रदेश एवं हिमाचल प्रदेश में शुरूआत होगी। पहले चरण में इन तीन राज्यों को को चुना गया है क्योंकि बिहार एवं उत्तर प्रदेश में इस रोग से मरने वाले बच्चों की संख्या अधिक है। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश को भी विशेष रूप इसमें शामिल किया गया है ताकि पहाड़ी क्षेत्र में भी इसके परिणाम को देखा जा सके।
नयी दिल्ली से पटना पहुंचे लोकसभा सदस्य डा. संजय जायसवाल ने यह जानकारी आज पटना एयरपोर्ट रेस्टोरेंट में संवाद्दाताओं के साथ विशेष बातचीत में दी।
उन्होंने कहा कि बिहार में प्रति वर्ष हर 1000 जन्म पर लगभग 42 बच्चों की मौत हो जाती है जोकि देश का औसत 37 है। बिहार में जन्म से 5 वर्ष की भीतर 48 बच्चों की प्रति वर्ष मृत्यु हो जाती हैं, यह राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इस राज्य में फुल इम्युनाइजेशन 61.7 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि 2002 के बाद इस वर्ष यानी 15 वर्षों बाद भारत सरकार ने हेल्थ पालीसी लाया है। उन्होंने कहा कि पीसीवी वैक्सीन की सरकारी अस्पतालों में शुरूआत का केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा का एक साहसिक निर्णय है और यह सबसे बड़ी उपलब्धी है। यह वैक्सीन सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध होगा। और यह यूनीवर्सल इम्युनाइजेशन प्रोग्राम के अंतर्गत काम करेगा।
उन्होंने कहा कि विश्व में 9.2 लाख बच्चों की मौत निमोनिया से होती है। जोकि हर छः में से एक बच्चे की मौत होती है। जबकि 1.75 लाख बच्चों की मृत्यु निमोनिया के कारण होती है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार एवं स्वास्थ्य मंत्रालय बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित है एवं शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए प्रयासरत है
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