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अयोध्या मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की पहल सराहनीय, मुसलमानों को राजी करने में नीतीश, लालू अपने प्रभाव का उपयोग करें 

By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Sat ,01 Apr 2017 05:04:40 pm |


समाचार नाऊ ब्यूरो - आपसी समझौते से राम जन्मभूमि मुद्दे का हल निकालने की सलाह देकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने जो अभूतपूर्व पहल की है, उसका भाजपा स्वागत करती है। पार्टी चाहती है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद भी मुसलमानों को सद्भावपूर्ण समाधान के लिए राजी करने में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें। 

न्यायालय ने पहली बार मध्यस्थता की पेशकश कर दोनों पक्षों को पूर्वाग्रह छोड़कर तथ्य, प्रमाण और तर्कों के आधार पर एक पुराना विवाद खत्म करने का अवसर दिया है। इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय यह स्वीकार कर चुका है कि अयोध्या के जन्मभूमि स्थल पर राम लला की प्रतिमा विराजमान है और उनकी पूजा निरंतर होती है। 

 हाई कोर्ट के आदेश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( ASI) ने विवादित स्थल का उत्खनन करने के बाद 22 अगस्त 2003 को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया कि जिस ढांचे को बाबरी मस्जिद कहा जा रहा था, उसके नीचे 10 वीं सदी में बने प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले। दुर्भाग्यवश, रिपोर्ट को दूसरे पक्ष ने स्वीकार नहीं किया, जिससे गतिरोध बना रहा। 

नीतीश कुमार ने जिस तरह विपक्ष की घिसी-पिटी लाइन से हटकर सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी का समर्थन किया था, उसी तरह वे अयोध्या मुद्दे पर भी सकारात्मक रुख अपना कर ऐतिहासिक भूमिका निभा सकते हैं।



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