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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Thu ,30 Mar 2017 07:03:28 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एससी, एसटी, बीसी और इबीसी छात्रों को पढ़ाई पूरी होने तक पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति मिलेगी. इस संबंध में विभाग के कंफ्यूजन को दूर कर दिया गया है. वित्तीय वर्ष 2016-17 तक पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति जारी है. अगले वित्तीय वर्ष में इसका आकलन करने के बाद इसे जारी रखने का निर्णय होगा. इसके बाद छात्रों के पास छात्रवृत्ति या स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लेने का ऑप्शन रहेगा. छात्र बैंक से शिक्षा ऋण अलग से भी ले सकते हैं. उन्होंने बैंक से मिलनेवाले शिक्षा ऋण से स्टूडेंट क्रेडिट योजना के भिन्न होने के बारे में विस्तृत जानकारी दी. केंद्र के स्कीम शिक्षा ऋण में गारंटर देने का प्रावधान है. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में क्रेडिट के साथ सूद देना भी सुनिश्चित हुआ है.
डीआरसीसी केंद्र पर काउंसेलिंग द्वारा जानकारी दी जा रही है. यह यूनिवर्सल स्कीम है. इस योजना से आगे स्कॉलरशिप नहीं देनी पड़ेगी. विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सुशील मोदी के पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति नहीं मिलने से छात्रों की पढ़ाई बाधित होने और स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना पर उठाये गये सवाल पर मुख्यमंत्री बोल रहे थे. मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह गलतफहमी पैदा करने की कोशिश कर रहा है. छात्रों के भविष्य को लेकर जितनी चिंता विपक्ष को है, उससे कहीं अधिक चिंता हमें है. उन्होंने कहा कि जिस राज्य के संस्थान में छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, उस राज्य में निर्धारित राशि के अनुसार पैसा दिया जा रहा है. छात्रवृत्ति को लेकर कई खामियां उजागर हो रही हैं.
देखा जा रहा है वह संस्थान डिजर्व नहीं कर रहा है. साथ ही छात्र भी वहां पढ़ाई नहीं कर रहे हैं. ऐसे कई संस्थान हैं, जो स्कॉलरशिप की बदौलत अस्तित्व में हैं. इस मामले में देखा जायेगा कि संस्थान डिजर्व कर रहा है या नहीं. सीएम ने कहा कि अंतिम पायदान पर खड़े लोगों की हम मदद करना चाहते हैं. छात्राें की मदद करने के बजाय निजी संस्थानों के हक में नहीं बोला जाये. मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि इस मामले में जो निर्णय लिया गया है, उसकी प्रति आपको उपलब्ध करा दी जायेगी. हम नहीं चाहते हैं कि इस पर पॉलिटिकल डिबेट हो.
सीएम ने कहा कि आइआइटी, एनआइटी में पढ़ाई कर रहे छात्रों को हजारों में मदद कर रहे हैं, जबकि निजी संस्थानों में पढ़नेवाले को लाखों में मदद दी जा रही है. जब ऐसे बोगस संस्थानों का पता चल रहा है, तो उन पर कार्रवाई हो रही है. निगरानी जांच चल रही है. अब कोई बख्शा नहीं जायेगा. जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा खजाना में है. गांधी ने कहा था कि हम ट्रस्टी हैं. खजाने के मालिक नहीं.
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