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यूपी में भाजपा का 14 साल का वनवास खत्म-बिखरे विपक्ष को पार्टी ने चटा दी धूल

By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Sun ,12 Mar 2017 01:03:11 pm |


समाचार नाऊ ब्यूरो / नयी दिल्ली/ लखनऊ : आखिरकार राजनीतिक दृष्टि से देश के सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा का वनवास खत्म हो गया. 15 साल बाद ‘कमल’ ने सत्ता में धमाकेदार वापसी कर नया इतिहास रचा. बिखरे विपक्ष को पार्टी ने जहां धूल चटा दी, वहीं इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि नोटबंदी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में कमी आयी है. उत्तर प्रदेश में पिछले डेढ़ दशक में सपा व बसपा की सरकारें रहीं थीं. 

 

उत्तराखंड में भाजपा की शानदार वापसी हुई है. वहीं पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में भी कमल खिल गया है. कांग्रेस को पंजाब में सांत्वना पुरस्कार से संतोष करना पड़ा है, जहां उसकी सरकार बनेगी. वहीं गोवा में कांग्रेस ने प्रदर्शन बेहतर किया है, लेकिन यहां किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. शनिवार को पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के मतों की  गिनती सुबह पांच बजे शुरू हुई. 

 

उत्तर प्रदेश में 403 सदस्यीय विधानसभा में  भाजपा को अकेले 312 सीटें मिलीं. वहीं भाजपा अपने सहयोगी दलों अपना दल व सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ 325 सीट मिली. इस तरह आसानी से 403  सदस्यीय सदन में दो तिहाई बहुमत हासिल कर लिया. इधर, यूपी में सपा-कांग्रेस  गंठबंधन  को मात्र 55 सीटें मिलीं, जबकि मायावती की बसपा केवल 19 सीटों पर सिमट गयी. 

 

विकास के एजेंडा पर प्रचार को केंद्रित करनेवाले मुख्यमंत्री अखिलेश की  पार्टी सपा को महल 48 सीटों से संतोष करना पड़ा. वैसे सभी सीटों के परिणाम की पुष्टि चुनाव आयोग ने नहीं की है. ऐसे में परिणाम में थोड़ा सा अंतर हो सकता है. 

 

प्रदेश की निवर्तमान विधानसभा में केवल 47 सीटों वाली भाजपा ने 40 फीसदी मत हासिल करने में सफलता पायी. इस अवधारणा को भी तोड़ा कि वह सवर्णों की पार्टी है. वोट प्रतिशत बताते हैं कि दलित व मुसलिमों समेत समाज के हर तबके ने पार्टी को वोट दिया है. केंद्र सरकार की योजनाओं से सभी को फायदा हुआ है. मुसलिम महिलाओं को भी योजनाओं से लाभ मिला. इस बीच चुनाव में अपनी पार्टी की हार के बाद अखिलेश ने राज्यपाल राम नाईक को  इस्तीफा सौंप दिया, मगर वह अगली सरकार बनने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे. 



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