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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Wed ,08 Mar 2017 08:03:19 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो - नई दिल्ली : जयपुर की नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) की स्पेशल कोर्ट ने अजमेर दरगाह ब्लास्ट मामले में अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस केस में 3 को दोषी ठहराया है, जबकि 5 को बरी कर दिया है। कोर्ट से आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार को क्लीन चिट मिल गई है। स्वामी असीमानंद को भी बरी कर दिया है। भावेश और देवेंद्र गुप्ता को और मृतक सुनील जोशी को भी दोषी ठहराया गया है। स्वामी असीमानंद, देवेंद्र गुप्ता, चंद्रशेखर लेवे, मुकेश वासनानी, लोकेश शर्मा, हर्षद भारत, मोहन रातिश्वर, संदीप डांगे, रामचंद कलसारा, भवेश पटेल, सुरेश नायर और मेहुल इस ब्लास्ट केस में आरोपी थे। आरोपियों में से संदीप डांगे और रामचंद कलसारा अभी तक गायब हैं।
बदला लेने के लिए रची थी ब्लास्ट की साजिश
चार्जशीट के अनुसार, आरोपियों ने वर्ष 2002 में अमरनाथ यात्रा और रघुनाथ मंदिर पर हुए हमले का बदला लेने के लिए अजमेर शरीफ दरगाह और हैदराबाद की मक्का मस्जिद में बम ब्लास्ट की साजिश रची थी। पुलिस ने ब्लास्ट की जगह से 2 सिम कार्ड और एक मोबाइल बरामद किया था।
11 अक्टूबर, 2007 को हुआ था दरगाह में ब्लास्ट
गौरतलब है कि 11 अक्टूबर, 2007 की शाम करीब सवा 6 बजे अजमेर दरगाह में ब्लास्ट हुआ था। इस ब्लास्ट में 3 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 15 लोग घायल हुए थे। इस मामले में कुल 184 लोगों के बयान दर्ज किए गए, जिसमें 26 महत्वपूर्ण गवाह अपने बयानों से मुकर गए थे।
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