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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Fri ,03 Mar 2017 07:03:15 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो - स्वास्थय मंत्री के गृह जिले पलामू में आधा दर्जन स्वास्थय कर्मीयों की जमकर धुनाई कर दी गई। तय समय पर मच्छरदानी वितरण कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाने की सजा मुखिया ने दी। जिसके खिलाफ पलामू के स्वास्थय कर्मीयों ने कामकाज ठप्प कर दिया है।
दरअसल पलामू के सतबरवा प्रखंड मुख्यालय में पंचायत स्तर पर मेडिकेटेड मच्छरदानी वितरण किया जाना था। जहां स्वास्थय कर्मी घंटे दो घंटे देर से पहुंचे। जिसके बाद उन्हें सतबरवा मुखिया संजय मिश्रा के गुस्से का सामना करना पड़ा। चालक समेत छः कर्मीयों की जमकर पिटाई की गई। आनन-फानन में पुलिसकर्मी इन्हें बचाकर लेकर भागे। पिड़ीत चालक की माने तो लाठी डंडे के अलावा पिस्तौल से बट से मारे जाने का आरोप भी लगाया है। साथ ही दबंगई दिखाते हुए दो सौ मच्छरदानी अलग से रंगदारी मांगने के अलावे जान जाने का भी आरोप मढ़ा।
वहीं घटना से आक्रोशित कर्मचारीयों ने दबंगई के सहारे राजनितिक रोटी सेंकने का निंदा कर मुखिया पर जड़ी बुटी के नाम पर ठगी करने का आरोप लगाते हुए उसकी गिरफ्तारी कर जेल भेजने और उसके संपत्ति व गतिविधि के जांच की मांग की है। वहीं घटना की सूचना के बाद भी घायल कर्मीयों को देखने नहीं पहुंचे सिविल सर्जन के खिलाफ धरना पर बैठे कर्मी आक्रोशित दिखे, वहीं स्थानीय विभाग मंत्री पर नजर अंंदाज करने का आरोप लगाया।- वहीं जनप्रतिनिधि का कानून तोड़कर कर्मीयों को पिटाई किए जाने की चारों ओर निंदा हो रही है। पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि के बीच कर्मी पिसते हैं। साथ ही सुदूरवर्ती इलाकों में जाने के प्रति कर्मियों में विरोधाभास उत्पन्न होने का डर है।
भले ही अब कुछ भी कहें पर इतना तय है की कर्मचारियों की पिटाई कानूनन और व्यावहारिक दोनों गुनाह है, जिसकी लीपापोती होती है या कार्रवाई, पर इसके कारणों को भी ख़त्म करना विभाग की और स्थानीय जिला प्रशासन की जिम्मेवारी है।
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