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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Fri ,03 Mar 2017 07:03:38 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो - पति की मौत तो यूँ ही किसी महिला के लिये पहाड टूटने जैसा हौता है । उस पर अपने शौहर के शव को अपने देश और अपने घर में दफनाने का दर्द लिये पिछले डेढ महीनों से अपने मासूम बच्चों के साथ शव का इंतजार किसी परिवार के लिये कितना दर्द भरा हो सकता है इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है ।
ये हैं कोडरमा के चेचाई की रहने वाली रबिया खातून । जिनके शौहर मुमताज ढाई साल पहले अपने परिवार का भविष्य संवारने और दो जून की रोटी की जुगाड में सउदी अरब गये थे । सबकुछ ठीकठाक चल रहा था पर शायद कुदरत को ये मंजूर नहीं था । अचानक इस परिवार पर दुखों का पहाड टूट पडा । परिवार को सूचना मिली कि मुमताज की सऊदी अरब में ही मौत हो गई । दुखों ने इनका पीछा यहाँ भी नहीं छोडा । मौत के डेढ महिने बाद भी रबिया अपने मासूम बच्चों के साथ अपने पति के शव के इंतजार में परेशान है । रबिया की अब एक ही इच्छा है कि उसके शौहर का शव इंडिया आये और अपने गाँव में दफनाया जाय ।
अपने पिता के शव को पाने के लिये बेटियों ने भी लोकल थाने से लेकर विदेश मंत्रालय तक गुहार लगाई पर अभी तक कहीं से कुछ संतोषजनक जबाव नहीं मिल सका । बेटियाँ बताती हैं कि मौत के कारणों का पता नही चल पाया है । बेटियों का दुख यह भी कि जिस सेठ के यहाँ अब्बू काम करते थे वह शव भेजने के एवज में ढाई लाख रूपये की मांग कर रहे हैं ।
यह कोई पहला मौका नहीं है जब सऊदी अरब में मौत के बाद परिजनों को महीनो इन्तेजार करना पड़ा है। तक़रीबन दो साल पहले भी कोडरमा के तितिरचांच में पोकलेन ड्राइवर नानकु यादव का शव भी तीन महीने बाद उसके परिजनों तक पहुच पाया था। बहरहाल इस मामले में भी विदेश मंत्रालय के हस्तछेप के बाद जल्द ही नतीजा निकल जा सकता है।
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