top banner

Breaking News

गंगा नदी खतरे के निशान के ऊपर, पटना में बाढ़ का खतरा बिहार में बाढ़- 4 किमी नांव की डोली बना अपनी दुल्हन लेने पहुंचा लड़का चिराग को छोड़कर गए लोगों का नहीं है कोई जनाधार- कांग्रेस सुशांत मामले को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव का बयान, राजगीर मेंं बनने वाली फिल्म सिटी का नाम हो सुश बिहार में बाढ़ से 22 जिलों की हालत बदहाल, 82 लाख लोग हुए हैं प्रभावित सुशांत सिंह मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, सीबीआई करेगी मामले की जांच नीतीश कुमार ने दिया शिक्षकों को तोहफा, पूरे बिहार में कहीं भी ले सकते हैं तबादला नीतीश सरकार ने नियोजित शिक्षकों की नई सेवा शर्त लागू कर खेला 'मास्टर स्ट्रॉक' MenstrualHygieneDay पर जागरूकता के लिए उठाए जा रहे कदम, पर कम नहीं आलोचनाओं का जोर जद (यू0)- दलित-महादलित प्रकोष्ठ की राज्य कार्यकारिणी की संयुक्त बैठक गया में युवती से बलात्कार के बाद हत्या नियोजित शिक्षकों ने कहा जल्द उनकी मांगें पूरी नहीं तो आंदोलन आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका का हड़ताल काफी दुखद- कृष्ण नंदन वर्मा मोतिहारी- २०१९ की चुनाव तैयारी में जुटा जिला प्रशासन रामगढ़- पतरातू डैम परिसर में अवैध पार्किंग टिकट के नाम पे वसूली


दुबई से शव भेजने को लेकर चाहिए ढाई करोड़ हर फरियाद बेकार

By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Fri ,03 Mar 2017 07:03:38 pm |


समाचार नाऊ ब्यूरो -  पति की मौत तो यूँ ही किसी महिला के लिये पहाड टूटने जैसा हौता है । उस पर अपने शौहर के शव को अपने देश और अपने घर में दफनाने का दर्द लिये पिछले डेढ महीनों से अपने मासूम बच्चों के साथ शव का इंतजार किसी परिवार के लिये कितना दर्द भरा हो सकता है इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है ।

 ये हैं कोडरमा के चेचाई की रहने वाली रबिया खातून । जिनके शौहर मुमताज ढाई साल पहले अपने परिवार का भविष्य संवारने और दो जून की रोटी की जुगाड में सउदी अरब गये थे । सबकुछ ठीकठाक चल रहा था पर शायद कुदरत को ये मंजूर नहीं था । अचानक इस परिवार पर दुखों का पहाड टूट पडा । परिवार को सूचना मिली कि मुमताज की सऊदी अरब में ही मौत हो गई । दुखों ने इनका पीछा यहाँ भी नहीं छोडा । मौत के डेढ महिने बाद भी रबिया अपने मासूम बच्चों के साथ अपने पति के शव के इंतजार में परेशान है । रबिया की अब एक ही इच्छा है कि उसके शौहर का शव इंडिया आये और अपने गाँव में दफनाया जाय ।

      अपने पिता के शव को पाने के लिये बेटियों ने भी लोकल थाने से लेकर विदेश मंत्रालय तक गुहार लगाई पर अभी तक कहीं से कुछ संतोषजनक जबाव नहीं मिल सका । बेटियाँ बताती हैं कि मौत के कारणों का पता नही चल पाया है । बेटियों का दुख यह भी कि जिस सेठ के यहाँ अब्बू काम करते थे वह शव भेजने के एवज में ढाई लाख रूपये की मांग कर रहे हैं ।

     यह कोई पहला मौका नहीं है जब सऊदी अरब में मौत के बाद परिजनों को महीनो इन्तेजार करना पड़ा है। तक़रीबन दो साल पहले भी कोडरमा के तितिरचांच में पोकलेन ड्राइवर नानकु यादव का शव भी तीन महीने बाद उसके परिजनों तक पहुच पाया था। बहरहाल इस मामले में भी विदेश मंत्रालय के हस्तछेप के बाद जल्द ही नतीजा निकल जा सकता है। 



Related News


रामगढ़- पतरातू डैम परिसर में अवैध पार्किंग टिकट के

सरकार का यह लक्ष्य पहले पुनर्स्थापन फिर विस्थापन- रघुवर

बेटी के जन्म पर उसकी मां के खाता में

भाजपा कार्यसमिति की बैठक - चुनावी एजेंडे से लेकर संगठन

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) पर प्रतिबंध के लिए

डॉ प्रदीप कुमार का फ्लैट ईडी ने किया जब्त

सबसे बड़ा घोटाला राफेल डील : गुलाम नबी

सात जिलों में नक्सलियों के खिलाफ होगी सख्ती

कांग्रेस सरकार का इतिहास भ्रष्टाचार के उदाहरणों से भरा पड़ा

यूपीए सरकार ने बर्बाद कर दी शिक्षा व्यवस्था :रघुवर दास

एक करोड़ लाभुकों को वोट में तब्दील करने में

झारखंड राज्य को-ऑपरेटिव बैंक के 119.42 करोड़ रुपये डूब

Follow Us :

All rights reserved © 2013-2024 samacharnow.com