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By समाचार नाऊ ब्यूरो कोलकाता | Publish Date: Fri ,03 Mar 2017 04:03:30 pm |
कोलकाता : भारतीय अर्थव्यवस्था को चौपट करने की एक बड़ी साजिश का परदाफाश हुआ है. पुलिस ने गुरुवार को शहर के वाटगंज इलाके के फैंसी मार्केट के पास से 56.74 लाख के नकली नोटों के साथ पांच तस्करों को गिरफ्तार किया है. सभी जाली नोट दो-दो हजार के हैं. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मनव्वर मोल्ला उर्फ उज्जल (29) निवासी जयपुर, हावड़ा, शेख एकलास अहमद (28) निवासी उलबेरिया, हावड़ा, शेख अबुल कलाम आजाद उर्फ सूरज (35) निवासी डोमजुर, हावड़ा, सैयद रेहान (27) निवासी उलबेरिया, हावड़ा और बलाई मंडल उर्फ जॉय (23) निवासी बारजोड़ा, बांकुड़ा के रूप में हुई है. आरोपियों के पास से नकली नोटों के अलावा दो मोटरसाइकिल, एक स्कूटी व पांच मोबाइल फोन भी पुलिस ने जब्त किये हैं. आरोपियों पर गंभीर धाराओं में मामले दर्ज किये गये हैं.
कैसे हुई गिरफ्तारी
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (5) सह संयुक्त आयुक्त (अपराध) विशाल गर्ग ने बताया कि सुबह 11.30 बजे के करीब वाटगंज के कवितीर्थ सरणी स्थित फैंसी मार्केंट के एक दुकानदार से सूचना मिली कि कुछ युवक कई मोबाइल खरीदने आये हैं. मोबाइल खरीदने के बदले सभी युवक दो-दो हजार रुपये के नये नोट दे रहे हैं, लेकिन नोट की क्वालिटी देखकर लग रहा है कि यह असली नहीं है. इसे लेकर युवकों से उनकी कहासुनी भी हुई है. इस जानकारी के बाद एंटी राउडी स्क्वायड की टीम मौके पर पहुंची और सभी संदिग्ध युवकों से पूछताछ शुरू की. इस दौरान सभी घबरा गये और भागने की कोशिश करने लगे. तलाशी लेने पर उनके पास से 56 लाख 74 हजार रुपये के जाली नोट बरामद हुए. सभी नकली नोटों की क्वालिटी अच्छी प्रतीत हो रही है. पांचों संदिग्धों को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया.
सोना तस्करी मामले में एक को पहले भी गिरफ्तार कर चुकी है मुंबई पुलिस
प्राथमिक जांच में पता चला कि गिरफ्तार आरोपियों में से मनउवर मोल्ला उर्फ उज्जल पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड है. उसे सोने की पिन की तस्करी से जुड़े होने के अारोप में मुंबई पुलिस ने पूर्व में गिरफ्तार किया था. कोलकाता पुलिस मुंबई पुलिस से संपर्क करेगी. मनव्वर मोल्ला व उसके बाकी साथी नकली नोट कहां से लाये थे और इसका क्या करने वाले थे, इस बारे में पूछताछ चल रही है.
असली दिखाने के लिए नकली नोटों के बंडल पर लगा दिया स्टेट बैंक का स्टीकर
पुलिस अधिकारी श्री गर्ग ने कहा कि सभी नोटों की क्वालिटी अच्छी प्रतीत हो रही है. यह गिरोह नोट को असली दिखाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक का स्टीकर लगाया था. जिससे जिन्हें भी नोट दिये जायें उसे यह विश्वास हो कि यह असली है. फिलहाल सभी बरामद नकली नोटों के कागज व क्वालिटी की जांच के लिए रिजर्व बैंक के पास भेजा जायेगा.
अर्थव्यवस्था पर चोट की साजिश
जाली नोट रखना और उसे बाजार में चलाना देश विरोधी गतिविधियों की श्रेणी में आता है. जाली नोट के साथ गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 489बी, 489सी व 120बी के तहत मामले दर्ज किये गये हैं. दर्ज धाराओं के तहत आरोपियों को अधिकतम उम्र कैद की सजा हो सकती है. पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यह अर्थ व्यवस्था चौपट करने की साजिश है. नकली नोटों के धंधे पर नियंत्रण मुश्किल हो रहा है. नोटबंदी के बाद दो-दो हजार के नकली नोट बरामदगी के कई मामले सामने आ चुके हैं. मालदा और मुर्शिदाबाद से कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
इन धाराओं में केस
489बी : बैंक के नोट की नकल करना, हू-ब-हू असली नोट की तरह नकली नोट बनाना, नकली नोट को बाजार में चलाने की कोशिश करना. इसमें अधिकतम उम्रकैद की सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है.
489सी : असली नोट की तरह दिखने वाला नोट बाजार में चलाना और दूसरों को चलाने के लिए देना. इसमें न्यूनतम सात वर्ष की सजा और जुर्माने का प्रावधान है.
120बी : अापराधिक घटना में एकाधिक लोगों को अपने साथ जोड़ना. न्यूनतम सजा दो वर्ष है और जुर्माने का प्रावधान है.
किसके पास से कितने के नकली नोट मिले
1. मनव्वर मोल्ला उर्फ उज्जल : 26 लाख 30 हजार रुपये
2. शेख एकलास अहमद : 12 लाख 20 हजार रुपये
3. शेख अबुल कलाम आजाद उर्फ सूरज : आठ लाख 10 हजार रुपये
4. सैयद रेहान : छह लाख 80 हजार रुपये रुपये
5. बलाई मंडल उर्फ जॉय : चार लाख 6 हजार रुपये रुपये
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