Breaking News
By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Wed ,01 Mar 2017 05:03:21 pm | Updated Date: Wed ,01 Mar 2017 05:03:52 pm
समाचार नाऊ ब्यूरो - महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार के संज्ञान में आया है कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के प्रावधानों के विपरीत कुछ अनाधिकृत संस्थाओं व व्यक्तियों द्वारा नकद प्रोत्साहन राशि देने से संबंधित अवैध आवेदन-पत्रों का वितरण किया जा रहा है। गौरतलब है कि भारत सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत रूप से नकद स्थानांतरण का कोई प्रावधान नहीं है। यह डीबीटी अर्थात प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना नहीं है। समाज में गहरे तौर पर मौजूद पितृ सत्तात्मक सोच व ऐसी मानसिकता को चुनौती देना ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के प्रमुख उद्येश्यों में है। साथ ही योजना के अन्य उद्येश्यों में को लागू करना, बालिका शिक्षा को और आगे बढ़ाना, जीवनचक्र को निरंतरता प्रदान करने हेतु महिला सशक्तिकरण के मुद्दे भी शामिल हैं।
इस प्रकार की धोखाधड़ी बहुत ही गंभीर मामला है और ऐसी किसी भी घटना के संज्ञान में आते ही नजदीकी पुलिस स्टेशन और संबंधित जिलाधिकारी जिला मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट करें। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने विभिन्न प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मंचों के माध्यम से लोगों को इस धोखाधड़ी के जाल में नहीं फंसने की सलाह दी है। ज्ञात हो कि ऐसे अवैध आवेदन-पत्रों का वितरण तथा इन प्रपत्रों को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में अथवा किसी संबद्ध अधिकारी को जमा करना पूर्ण रूप से अवैध है। इस मामले में पहले ही उत्तर प्रदेश के कई जिलों में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की जा चुकी हैं तथा कुछ शरारती तत्वों को पकड़ा भी गया है। हालांकि, यह भी संज्ञान में आया है कि बिहार के मधुबनी जिले में भी इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं। मंत्रालय ने सलाह दी है कि इस संबंध में कोई भी व्यक्तिगत सूचना साझा नहीं किया जाना चाहिए तथा इस प्रकार के धोखाधड़ी से बचना चाहिए
All rights reserved © 2013-2025 samacharnow.com
Developed by Mania Group Of Technology.