Breaking News

गंगा नदी खतरे के निशान के ऊपर, पटना में बाढ़ का खतरा बिहार में बाढ़- 4 किमी नांव की डोली बना अपनी दुल्हन लेने पहुंचा लड़का चिराग को छोड़कर गए लोगों का नहीं है कोई जनाधार- कांग्रेस सुशांत मामले को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव का बयान, राजगीर मेंं बनने वाली फिल्म सिटी का नाम हो सुश बिहार में बाढ़ से 22 जिलों की हालत बदहाल, 82 लाख लोग हुए हैं प्रभावित सुशांत सिंह मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, सीबीआई करेगी मामले की जांच नीतीश कुमार ने दिया शिक्षकों को तोहफा, पूरे बिहार में कहीं भी ले सकते हैं तबादला नीतीश सरकार ने नियोजित शिक्षकों की नई सेवा शर्त लागू कर खेला 'मास्टर स्ट्रॉक' MenstrualHygieneDay पर जागरूकता के लिए उठाए जा रहे कदम, पर कम नहीं आलोचनाओं का जोर जद (यू0)- दलित-महादलित प्रकोष्ठ की राज्य कार्यकारिणी की संयुक्त बैठक गया में युवती से बलात्कार के बाद हत्या नियोजित शिक्षकों ने कहा जल्द उनकी मांगें पूरी नहीं तो आंदोलन आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका का हड़ताल काफी दुखद- कृष्ण नंदन वर्मा मोतिहारी- २०१९ की चुनाव तैयारी में जुटा जिला प्रशासन रामगढ़- पतरातू डैम परिसर में अवैध पार्किंग टिकट के नाम पे वसूली


नशीले पदार्थ का सेवन करते पकड़े जाने पर जाएगी नौकरी- नितीश

By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Thu ,16 Feb 2017 04:02:51 pm |


समाचार नाऊ ब्यूरो  : बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी कानून के दायरे को सरकारी कर्मियों के लिए ज्यादा विस्तृत और सख्त कर दिया गया है. अब किसी तरह के मादक या नशीले पदार्थ का सेवन करते पकड़े जाने पर न्यायिक सेवा समेत राज्य सरकार में तैनात सभी स्तर के कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी.

इससे संबंधित प्रस्ताव पर बुधवार को कैबिनेट की हुई बैठक में मुहर लगा दी गयी. बैठक में 40 एजेंडों को लाया गया, जिनमें 36 मंजूर हुए. बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने कहा कि बिहार जुडिशियल ऑफिसर्स कंडक्ट रूल्स, 2017 और बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली, 1976 में अहम संशोधन किये गये हैं. 

 

अब बिहार न्यायिक सेवा समेत सभी स्तर के सरकारी कर्मियों के सर्विस कोड (सेवा  नियमावली) में यह प्रावधान कर दिया गया है कि राज्य की सीमा में अगर किसी  स्तर के कर्मी किसी तरह के मादक या नशीले पेय, औषधि, पदार्थ, ड्रग्स या  अन्य सामग्री का सेवन करते पकड़े गये, तो उन पर सख्त विभागीय कार्रवाई की जायेगी. किसी सार्वजनिक या अन्य किसी स्थान पर किसी  तरह के मादक पेय के सेवन को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. राज्य सरकार के अधीन कार्यरत सभी स्तर के न्यायिक अधिकारियों पर भी यह नियम  समान रूप से लागू होगा. 


गौरतलब है कि राज्य में पांच अप्रैल, 2016  से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है, जिसके अंतर्गत राज्य के सभी सरकारी कर्मी और नागरिक आते हैं. इसमें सजा के जो प्रावधान हैं, वे सभी पर समान रूप से लागू हैं. लेकिन सरकारी कर्मियों के लिए यह नया प्रावधान  किया गया है, जिसमें शराबबंदी कानून में निर्धारित सजाओं के अलावा उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी चलायी जायेगी. अगर कोई सरकारी कर्मी इस तरह के किसी अपराध में पाये गये, तो उन्हें अतिरिक्त रूप से विभागीय कार्रवाई से भी गुजरना पड़ेगा.
 

इसके अलावा राज्य सरकार ने बिहार उच्च न्याय सेवा (संशोधन) नियमावली, 2017  में भी कई अहम संशोधन किये गये हैं. अब साल में एक बार इस सेवा में अवश्य रूप से बहाली होगी. एडहॉक पर भी नियुक्ति की जायेगी. पहले यह प्रावधान था कि 65% पदों को प्रोन्नति से भरा जायेगा, लेकिन अब हाइकोर्ट के  स्तर पर या अनुमति से मेरिट के आधार पर भी जजों की बहाली की जा सकती है. इस संशोधन से निचली अदालतों में जजों के बड़ी संख्या खाली पड़े पदों को भरने में काफी सहायता मिलेगी



Related News


बिहार में बाढ़- 4 किमी नांव की डोली बना अपनी

खरीफ विपणन सीजन 2020-21 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य

अपसी विभेद में उलझ गया है महागठबंधन

हाजीपुर से लोकसभा चुनाव नहीं लडूंगा - रामविलास

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड मामले में झूठ बोल रही है रक्षा

भाजपा- 2019 का चुनावी शंखनाद कई कमिटी में प्रमुख नियुक्त

2022 तक सभी के लिए आवास देना हमारा संकल्प है

100 दिनों में भी छह लाख से अधिक लोग प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने अंतरराष्‍ट्रीय चावल अनुसंधान संस्‍थान का परिसर राष्‍ट्र को

बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्‍सो) अधिनियम, 2012 में संशोधन की

राजस्थान विधान सभा चुनाव- हे किसान तेरी खुशी- वादो की

वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में बिचौलिये मिशेल को भारत लाया गया

Follow Us :

All rights reserved © 2013-2024 samacharnow.com