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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Tue ,14 Feb 2017 04:02:20 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो - कोडरमा में एक ऐसा पंचायत है जहाँ सौ फीसदी लाभुको ने खुद शौचालय बनाकर न सिर्फ एक मिशाल पेश की है बल्कि खुद आगे आकर सरकार के साथ कदमताल मिलकर स्वच्छ भारत अभियान को साकार में अपना योगदान दिया है। वही जिला प्रशाशन अब इस गांव को कई सौगात देने की तैयारी में है। ये है कोडरमा का झुमरी पंचायत। आज हम आपको इस पंचायत के बारे में इसलिये बता रहे क्योंकि इस पंचायत ने स्वच्छ भारत अभियान के लिए एक मिसाल पेश की है। इस पंचायत के सभी लोगों अपने लिए अपना शौचालय खुद बनाया है । इस पंचायत की खास बात यह है कि स्वत: निर्माण कर लाभूक बेहतर शौचालय का निर्माण कर रहे हैं । लाभूको की माने तो खुद शौचालय निर्माण से न सिर्फ उन्हें लाभ हो रहा है बल्कि मजबूत और गुणवत्ता पूर्ण शौचालय का भी वे निर्माण कर पा रहे हैं ।
5000 की जनसंख्या वाले इस गांव में 100 परिवारों के पास पहले से शौचालय बना हुआ था और 2012 में बेसलाइन सर्वे के बाद गांव के 600 घरों में शौचालय का निर्माण किया जाना था। गांव के तकरीबन 80 फिसदी घरों में शौचालय का निर्माण पूरा किया जा चुका है और कई शौचालय का निर्माण अभी जारी है खुद से शौचालय का निर्माण कर लाभों खुश है जहां उन्हें घर बैठे मजदूरी के रूप में रोजगार में जा रहा है वही अपने इस्तेमाल के लिए बेहतर और टिकाऊ शौचालय का निर्माण कर पा रहे हैं।
झुमरी पंचायत में शौचालय निर्माण को लेकर महिलाएं काफी जागरुक हैं और इस गांव की दशा और दिशा बदलने में इनकी भूमिका काफी अहम है। शौचालय निर्माण की बात हो या दूसरे सामाजिक मुद्दे, हर मामले को लेकर महिलाओं की एक बैठक हर सप्ताह होती है जिसमें निर्णय लिए जाते हैं और इस गांव को खुले से शौच मुक्त बनाने में इन महिलाओं की भूमि का सराहनीय है महिला मुखिया होने के नाते इस पंचायत में शौचालय निर्माण को लेकर महिलाओं ने एक अभियान चलाया और राज्य पंचायत खुले से शौच मुक्त हो गया है। शौचालय अभियान को लेकर महिलाओ की जागरूकता देखते ही बनती है।
जिन घरों में शौचालय का निर्माण हो गया है वह लोग सरकार के इस अभियान को किसी वरदान से कम नहीं मानते। शौचालय का निर्माण पूरा कर चुके झुमरी गांव के लाभुक बालेश्वर दास ने बताया कि उनका एक बच्चा विकलांग है जिसके कारण सरकार ने उन्हें शौचालय देकर एक बड़ा एहसान किया है उन्होंने बताया कि वह खुद से मजबूत शौचालय का निर्माण किए है और आज उसका भरपूर इस्तेमाल भी करते हैं।
वहीं दूसरी तरफ गांव के बूढ़े बुजुर्गों के लिए भी स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय का निर्माण एक बेहतर पर्यास साबित होता दिख रहा है झुमरी पंचायत के एक बुजुर्ग लाभुक ने बताया कि उन्होंने 6 दिनों में अपने परिवार की मदद से शौचालय का निर्माण किया और आज उसका इस्तेमाल कर सरकार का शुक्रिया अदा कर रहे हैं उन्होंने बताया कि घर में शौचालय का निर्माण हो जाने के बाद उनकी परेशानियां कई गुना कम हो गई है।
झुमरी पंचायत में सौ प्रतिशत शौचालय का निर्माण खुद लागू कर रहे हैं इस बात से जिला प्रशासन भी काफी उत्साहित है फिलहाल खुले से शौच मुक्त होने के बाद इस गांव में अब पेयजल आपूर्ति योजना के तहत पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू किया जाना है वही जिला प्रशासन अब इस गांव को आदर्श गांव बनाने की तैयारी में है। उपायुक्त संजीब कुमार बेसरा ने बताया गांव के सामुदायिक विकास के लिए एक बड़ी राशि निर्ग्रत की जाएगी ताकि शौचालय निर्माण के क्षेत्र में मिशाल कायम करने वाले इस पंचायत हर सुविधाएं मुहैया कराया जा सके।
कोडरमा को मार्च के अंतिम में पूर्ण रूप से खुले से शौचमुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है और इस अभियान के तहत पुरे जिले में 68 हजार शौचालय का निर्माण किया जाना है। लक्ष्य की प्राप्ति के दिशा में झुमरी जैसे पंचायतो के लोगो ने स्वतः शौचालय का निर्माण कर झुमरी को राज्य का पहला ऐसा पंचायत बना दिया है जहाँ सभी शौचालय का निर्माण लाभुक खुद कर रहे है।
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