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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Thu ,09 Feb 2017 07:02:50 pm | Updated Date: Thu ,09 Feb 2017 07:02:30 pm
समाचार नाऊ ब्यूरो- दुमका में एतिहासिक और राजकीय जनजातीय हिजला मेला की तैयारी पूरी कर ली गयी हैं। 10 फरबरी से शुरू होनेवाले इस मेले में यहाँ की परंपरा और संस्कृति को बचाए रखने की भरपूर कोशिश की जाती हैं। 1853 में संताल हुल के दौरान आदिवासियो और अंग्रेजी हुकूमत के बीच गहरी खाई को पाटने के लिए 1890 में यहाँ के तत्कालीन हुक्मरान बी कास्टियार्स ने इस मेले की शुरुआत की थी जो यहाँ के आदिवासियो के परंपरा और सांस्कृतिक झलक का परिचायक हैं। आठ दिनों तक चलनेवाले इस मेले में सभी बिभागों के स्टोल के साथ साथ दूसरे राज्यों से मनोरंजन के लिए झूले और बाजार लगाए जाते है। वही मेले में खेलकूद के आयोजन के साथ ही सांस्कृतिक कार्यकर्मो की भी पूरी व्यवस्था की जाती हैं। झारखण्ड सरकार ने हिज़ला मेला राजकीय मेला घोषित करने के बाद इसे राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। मेला का उद्घाटन हिजला गांव के ग्राम प्रधान के द्वारा किया जाता है। आदिवासी पारंपरिक अंदाज में सिंगा , सकवा वादन, झिंझरी गायन, और पायका नृत्य के साथ राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव का उद्घाटन होता है । मेला के उद्घाटन के मौके पर संथाल परगना के कमिश्नर साथ -साथ प्रशासन के कई आलाधिकारी भी मौजूद रहते है।
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