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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Thu ,09 Feb 2017 10:02:04 am |
समाचार नाऊ ब्यूरो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी को 'संगठित' और 'कानूनी लूट' का उदाहरण बताने के बयान को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि 35 साल तक देश के आर्थिक पदिदृश्य के केंद्र में रहनेवाले डॉ सिंह के कार्यकाल में इतना सब कुछ हुआ, घोटाले भी हुए, लेकिन उनके ऊपर कोई दाग तक नहीं लगा.
पीएम मोदी ने तंज कसा कि ‘बाथरूम में रेनकोट पहन कर नहाने की कला डाॅ साहब' ही जानते हैं और कोई नहीं जानता.' उनके इस बयान से कांग्रेस गुस्से में आ गयी और उसने सदन से वाकआउट कर दिया. पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि मोदी जी, किस प्रकार का संसदीय व्यवहार और संसदीय भाषा का उपयोग करना चाहिये और किसी से नहीं तो अटल जी अडवाणी जी ,मुरली मनोहर जोशी से तो सीख लें..... उन्होंने आगे कहा कि जिस भाषा का उपयोग आपने डॉ मनमोहन सिंह जी पर किया है उससे प्रधान मंत्री पद की गरिमा घटी है थोड़ा तो अपने पद का ख़्याल रखें.
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद 70 साल में हिंदुस्तान में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसका आर्थिक परिदृश्य में इतना दबदबा रहा. हम राजनीतिकों को डॉ साहब से काफी कुछ सीखने की जरूरत है. बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर तीखा विरोध दर्ज कराते हुए कांग्रेस ने सदन से वाकआउट किया. कांग्रेस ने कहा कि यदि पीएम माफी नहीं मांगते तो वह सदन में उन्हें बोलने नहीं देगी. इस पर मोदी ने कहा कि यदि आप मर्यादा का उल्लंघन करते हैं, तो जवाब सुनने का भी माद्दा होना चाहिए. लोकतंत्र व संविधान के दायरे में रह कर उसी रूप में जवाब देने का सामर्थ्य हम में है. माकपा, भाकपा, टीएमसी व सपा के सदस्यों ने भी राष्ट्रपति के अभिभाषण में अपना संशोधन अस्वीकार करने के कारण बाद में सदन से वाक आउट किया.राज्यसभा ने अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनि मत से मंजूरी दे दी.
डिजिटल लेन-देन और कैशलैस व्यवस्था की वकालत करते हुए मोदी ने कहा कि धीरे-धीरे समाज को इस तरह के भुगतान की दिशा में ले जाना है. समृद्ध देशों में भी मतपत्र छाप कर ठप्पा लगाया जाता है. लेकिन भारत में बटन दबा कर मतदान किया जाता है. मतलब है कि हम अपने देश की शक्ति को कम कर के न आंकें. असुविधा तो होगी, लेकिन आगे भी बढ़ना होगा. मोदी ने कहा कि पिछली सभी सरकारों ने कुछ न कुछ योगदान दिया है. हमने यह बात हमेशा कही है. हमने भी कई छोटे-छोटे लेकिन महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं. स्वच्छता मिशन का जिक्र करते हुए कहा कि इस मिशन को आंदोलन का रूप दिया गया.आज यह जन आंदोलन बन गया है.
प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के समर्थन में दिये गये दिग्गज वामपंथी नेता ज्योति बसु और हरकिशन सिंह सुरजीत के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि माकपा महासचिव सीताराम येचुरी विमुद्रीकरण का समर्थन करना चाहिए. चार सितंबर, 1972 के बसु के भाषण का जिक्र किया, जिसमें वाम नेता ने विमुद्रीकरण व अन्य उपायों की सिफारिश की थी. आरोप लगाया था कि इंदिरा गांधी की सरकार कालेधन की सरकार, कालेधन द्वारा और कालेधन के लिए है.
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