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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Wed ,08 Feb 2017 09:02:21 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो - समाचार नाऊ ब्यूरो -कपिल सिब्बल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 4 दिन से ये डिबेट चल रही है। प्रधानमंत्री जी हाउस में एक मिनट नहीं आए। आज के दिन हमने पूछा कि कब प्रधानमंत्री जी आएंगे? तो हमें बताया गया तभी आएंगे जब सब लोग बोल चुके होंगे। हमारे आखिरी स्पीकर आनंद शर्मा जी थे, उन्होंने कहा कि 5 बजे प्रधानमंत्री जी आएंगे। फिर हमें ये बताया गया कि नहीं, वो तब तक नहीं आएंगे, जब तक आनंद शर्मा जी अपनी चर्चा खत्म नहीं कर देंगे। तो ये एक अपमान है। ये हाउस का अपमान है। ये एक एरोगेंस है, हमने ऐसी एरोगेंस इतिहास में नहीं देखी। ऐसे प्रधानमंत्री जी की एरोगेंस और उसके बाद डॉ. मनमोहन सिंह जी पर आरोप लगाना जैसे कि वो स्कैमस्टर हैं। ऐसा हमने कभी किसी प्रधानमंत्री जी को कहते नहीं देखा। ये प्रधानमंत्री जी को ये सोचना चाहिए कि ये देश के प्रधानमंत्री हैं, ये हमारे भी प्रधानमंत्री हैं।
देशवासियों के लिए हैं और जिस कुर्सी पर ये बैठे हैं उसकी एक गरिमा है। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री जी यहाँ संसद में आकर जैसे कि मैदान में भाषण कर रहे हैं। जैसे कि लोकेलिटी में भाषण कर रहे हैं। उनको ये नही मालूम है कि क्या वाक्य इस्तेमाल करना चाहिए? किस सोच के साथ बात कहनी चाहिए? क्या कहना चाहिए औऱ क्या नहीं कहना चाहिए? ये समझते हैं कि वो पाक-साफ हैं और हम सब ब्लैक मार्केटियर हैं।
मैं समझता हूं कि हम ये सहन नहीं कर सकते। हम प्रधानमंत्री जी के बयान की घोर निंदा करते हैं। उन्हें इसके लिए सदन से माफी मांगनी चाहिए। उनको ध्यान रखना चाहिए कि किस बात पर - किस तरह से सदन में डिबेट होनी चाहिए। शायद वो नए-नए हैं, केवल उनको ढाई साल हुए हैं, लोग यहाँ 20-25 साल से और कुछ लोग 30 साल से बैठे हैं। इस सदन की कुछ परंपरा है। हम इस सदन की मर्यादा जानते हैं। उनको ये बात समझनी चाहिए और सोच समझ कर बात करनी चाहिए। डॉ. मनमोहन सिंह जी जब प्रधानमंत्री जी थे, कभी ऐसा नहीं हुआ।
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