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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Tue ,07 Feb 2017 03:02:19 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दिया. उन्होंने चर्चा का जवाब देते हुए हाल के दिनों में राजनीतिक मुहावरे के रूप में प्रयोग होने वाले भूकंप शब्द का उपयोग किया और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि कोई तो कारण रहा होगा कि भूकंप आ गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विमुद्रीकरण, बेनामी संपत्ति, कालाधन व इमरजेंसी का उल्लेख करते हुए कांग्रेस पर खूब तीर दागे. मालूम हो कि संसद के शीतकालीन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी विमुद्रीकरण समेत कई मुद्दों पर नहीं बोल पाये थे. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोई स्कैम में भी सेवा भाव देखता है, स्कैम में भी नम्रता का भाव देखता है तो धरती मां दुखी हो जाती हैं. तब जाकर भूकंप आता है.
मोदी ने कहा कि मैं सोच रहा था कि आखिर भूकंप आया कैसे. उन्होंने कहा कि स्कैम देखने पर मां भारती दुखी हो जाती हैं और भूकंप आ जाता है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपतिजी ने अभिभाषण में जनशक्ति का ब्यौरा दिया है. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यवस्था लोकतांत्रिक हो या अलोकतांत्रिक जनशक्ति का मिजाज कुछ और ही होता है.
नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कल मल्लिकार्जुन जी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ही है जिसने लोकतंत्र बचाया और आप (मोदी) प्रधानमंत्री बन पाये. उन्होंने व्यंग करते हुए कहा कि आपकी बड़ी कृपा जो लोकतंत्र बचाया, लेकिन अपनी पार्टी का लोकतंत्र पूरी तरह एक परिवार को आहूत कर दिया और सन 75 के कालखंड में देश को जेल बना दिया. जयप्रकाश बाबू सहित तमाम लोगों को जेल में डाल दिया. अखबारों में ताले लगा दिये गये, लोकतंत्र को कुचलने का हर प्रयास किया गया, लेकिन इस देश की जनशक्ति ने ये चीजें बदल दी और एक गरीब मां का बेटा भी देश का प्रधानमंत्री बन सका.
उन्होंने कहा कि 1857 की लड़ाई में जब कांग्रेस का जन्म नहीं हुआ था, तो देश के लोगों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी, कमल तब भी था और आज भी है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर नेताओं ने जनशक्ति की ताकत को पहचानना छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि मुझ जैसे सामान्य से व्यक्ति ने बातोंबात में कहा कि जो वहन कर सकते हैं, वो गैस सब्सिडी छोड़ दें. 2014 का चुनाव जब हम लड़ रहे थे, तब एक पार्टी इस बात पर चुनाव लड़ रही थी कि हम नौ सिलेंडर देंगे या दस. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के राजनीतिक जीवन में सक्रिय लोगों से अपील करता हूं कि देश की जनशक्ति को पहचानें. भारत को ऊंचाई पर ले जाने के लिए साकारात्मक माहौल बनाने के लिए जनशक्ति को पहचानना जरूरी है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम देश को उसकी पूर्णता में स्वीकार करें. कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि आजादी सिर्फ एक परिवार ने दिलायी है. वीर सावरकर, चंद्रशेखर आजाद भी थे जिन्होंने देश को आजादी दिलाने में खुद को न्यौछावर कर दिया.
मोदी ने कहा कि एक चर्चा आयी है बजट को जल्द प्रस्तुत करने की. उन्होंने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है, हमारी अर्थव्यवस्था खेती पर आधारित है. उन्होंने कहा कि नवंबर तक में फसल तैयार हो जाती है. एक जून से बारिश शुरू हो जाती है. उन्होंने कहा कि क्या कारण था कि आजादी के सालों बाद तक पांच बजे बजट आता था, इसलिए आता था क्योंकि यह समय यूके की संसद के समय के अनुरूप थी. उस समय को अटल जी की सरकार ने बदला.
उन्होंने कहा कि बजट को पेश करने की तारीख में हमने कांग्रेस सरकार के समय के प्रस्ताव के आधार पर ही फैसला लिया. उन्होंने रेलवे बजट की चर्चा करते हुए कहा कि यह 90 साल से पेश होता रहा है. पहले रेलवे सिर्फ यातायात का साधन थी, अब बहुत सारे साधन हैं, हालांकि उसके केंद्र में रेल है और सब चीजों को ध्यान में रखते हुए योजना बनानी है. उन्होंने रेलवे में निजीकरण की आशंका को खारिज किया.
नोटबंदी पर जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि आपको लगता था कि इस पर चर्चा होने पर कहीं मोदी फायदा न उठा लें इसलिए आप टीवी बाइट देने में ही व्यस्त रहे. उन्होंने तर्क दिये कि नोटबंदी से बड़ा बदलाव आया है. मोदी ने कहा कि 2014 मई के पहले का वक्त देख लीजिए, खबर आती थी कि 2जी में कितना गया, वायु क्रप्शन में कितना गया, फलाने क्रप्शन में कितना गया. अब आवाज उठती है कि मोदीजी कितना लाये, कितना लाये, कितना लाये. यही तो बदलाव है. उन्होंने विपक्ष के नेता पर कटाक्ष करते हुए कहा कि खडगेजी कहते हैं कि हीरे जवाहरात, सोने चांदी में कालाधन है, सच है, लेकिन यह सदन जानना चाहता है कि आपको यह ज्ञान कब हुआ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसमें दो मत नहीं है कि भ्रष्टाचार की शुरुअात नकद में होती है. उन्होंने कहा कि 1988 में प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे, पंडित नेहरू जी भी ज्यादा सीटें थीं उनके पास, पार्लियामेंट से पंचायत पर आपका कब्जा था, आप ही आप थे. उन्होंने कहा कि 1988 में बेनामी संपत्ति को जो कानून बनाया, उसे नोटिफाइ क्यों नहीं किया. उन्होंने कहा क्या कारण था कि ऐसा नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि वे कौन लोग थे जिन्हें कानून बनने के बाद ज्ञान हुआ कि कानून को नोटिफाइ नहीं करने में उनका फायदा है.
उन्होंने कहा कि इसके जवाब से आप बच नहीं सकते, आपको देना ही होगा. आप कितने बड़े भी क्यों नहीं हों आपको गरीब का हक लौटाना ही पड़ेगा और मैं इस रास्ते से पीछे हटने वाला नहीं हूं. मैं गरीबों की लड़ाई लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा.
उन्होंने कहा कि गरीबों के पास प्राकृतिक संसाधन व मानव संसाधन की कमी नहीं थी, लेकिन
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