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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Thu ,02 Feb 2017 12:02:56 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो रांची - चतुर्थ झारखण्ड विधान सभा के अष्ठम बजट सत्र को एग्यारहवे कार्यदिवस के दिन ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। आपको बता दे की 7 फरवरी 2017 तक चलने वाले बजट सत्र को जे एम एम के भारी हंगामें के कारण अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। स्थगित करने से पहले विधान सभा अध्यक्ष ने कार्य मंत्रणना की बैठक बुलायी जहां इसे लेकर चर्चा की गयी। इस बैठक में जे एम एम ने भाग नही लिया और दूसरी पाली का पूरी तरह से बहिष्कार किया। दूसरी पाली में जैसे ही सदन की कार्रवाही शुरु हुई सदन में गिलोटिन के जरिये सभी विभागों का बजट एक साथ पारित करा लिया गया। इसमें कई विधेयक भी पारित हुए जिसमें तीन प्राईवेट विश्वविद्यालय को भी मंजुरी मिली। जिसमे अरका जैन विश्वविद्यालय, सरला बिरला विश्वविद्यालय और वाईवीएन विश्वविद्यालय को मंजुरी मिली। मूल्यवर्धित कर संसोधन विधेयक 2017 को भी पुर्नस्थापित किया गया। झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग विधेयक 2017 लाया गया वहीं कैग की रिपोर्ट भी सदन के पटल पर रखी गयी।
विधायक के आचरण सही नही -- दिनेश ओरावं विधान सभा अध्यक्ष
सदन के अवसान पर विधान सभा अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि सदन पूरी तरह अव्यवस्थित रहा, विधायक के आचरण सही नही रहे जिसके कारण निलंबित भी करना पड़ा, क्या जनता हमें इसी के लिए चुनती है। जनता के बीच कैसे खुद को पुर्नस्थापित करें यह सोचना होगा। सदन के अंदर 1147 सूचना प्राप्त हुई, 146 अल्पसूचित, 171 तारांकित, 127 अतारांकित प्रश्न थे जिसका लिखित उत्तर तो आया लेकिन एक प्रश्न का भी सदन के अंदर मौखिक जवाब नही हो सका।
गेलोटिन के सहारे बजट को पारित कराना असंवैधानि- प्रदीप यादव
जेवीएम विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने सदन के अंदर गेलोटिन के सहारे बजट को पारित कराना असंवैधानिक करार दिया।उन्होंने कहा कि सरकार और मूल विपक्षी जेएमएम दोनों की मिलीभगत से ऐसा किया जा रहा है। जे एम एम की सरकार के वक्त किये गये कृतियों को भी रघुवर सरकार छिपाना चाह रही है। रघुवर लाठी के बलबूते सरकार और विधान सभा चलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा “न खाता न बही, जो रघुवर कहे वही सही” । तीन प्राईवेट विश्वविद्यालय के मामले पर भी उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें लेन देन हुआ है। नियम को ताक पर रख कर विश्वविद्यालय विधेयक सदन के अंदर पारित हुआ है।
विपक्ष में एकजुटता का आभाव -संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय
संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय नेकहा कि विपक्ष में एकजुटता का आभाव दिखा, सभी अलग थलग बोल रहे थे और यह कहीं से उचित नहीं कि एक तो बजट सत्र छोटा दूसरा विपक्ष के कारण सदन को पांच दिन पहले ही स्थगित कर देना पडा। ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों में ही लचीलेपन की आवश्यकता है।और सरयू राय ने ये भी माना की ये स्वस्थ्य परम्परा नहीं है। वहीं आज सदन की शुरुआत होते ही यह संकेत मिल गये थे कि स्पीकर कोई कठोर फैसला करेंगे । उन्होंने कहा था कि ऐसे सदन नही चलेगा। जिस पर सत्ता दल मुख्य सचेतक राधा कृष्ण किशोर ने भी कहा कि अनिश्चित काल के लिए सदन स्थगित किये जाने की जिम्मेवारी पूरी तरह से जेएमएम पर है इनके कुछ विधायक सदन को कैप्चर कर मन बना लिया की सदन नहीं चलने देना है। . वही जेवीएम नेता प्रदीप यादव के आरोपो का जवाब देते हुए कहा की सदन अनिश्चित काल के लिए स्थगित किया जाना पूरी तरह से संवैधानिक है। निश्चित तौर पर यह कह सकते है की जनता का सवाल सवाल ही रह गया और पिछले दो सत्र की तरह ये बजट सत्र भी CNT/SPT के भेट चढ़ गया। ... अब सवाल ये है की अवाम का सवाल का जवाब किसके पास है सत्ता पक्ष ??या .. विपक्ष ?के पास ये यक्ष प्रश्न बन के रह गया।
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