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नितीश कुमार ने बुलाई सर्वादालिये बैठक- शराब बंदी पे लेंगे राय

By ?????? ??? ?????? | Publish Date: Tue ,22 Nov 2016 06:11:10 am |


समाचार नाऊ ब्यूरो  पटना : बिहार में शराबबंदी कानून पर लोक संवाद के जरिये लोगों की राय जानने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को प्रदेश के सभी दलों के नेताओं के साथ चर्चा करेंगे. बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर लेकर विपक्ष के हमलावर रूख के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठक करने का एलान किया है. हालांकि, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार इस बात को दोहरा रहे हैं कि शराबबंदी कानून में किसी प्रकार की ढील नहीं दी जायेगी और इसे सख्ती से पालन कराया जायेगा.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी दल के नेताओं खासकर विपक्ष से सुझाव लेंगे कि कैसे सख्त कानून में सुधार किया जाये. शराबबंदी से किसी तरह समझौता नहीं करने के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब सभी दल के प्रमुख नेताओं से राय-मशविरा करेंगे. उनसे सुझाव लेंगे कि बिना शराबबंदी से समझौता किये सख्त कानून में कैसे राहत दिया जाये.

हालांकि, भाजपा के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव इसे लोगों के आंख में धूल झोंकने का बहाना बता रहे हैं. नंद किशोर यादव का कहना है कि लोगों में शराबबंदी के सख्त कानून को लेकर नाराजगी है उसे कम करने का नीतीश कुमार बहाना खोज रहे हैं जबकि विपक्ष ने पहले ही दोनों सदनों में शराबबंदी का समर्थन किया है.

महागठबंधन के नेता सरकार का बचाव करते रहे हैं. कांग्रेस के विधान पार्षद दिलीप चौधरी का कहना है कि विपक्ष शराबबंदी 

सुधार किया जाये. भाजपा के सिर्फ बोलने से तो कोई उपाय नहीं होगा. इसलिए सर्वदलीय बैठक बुलायी गयी है, ताकि वे अपनी बात रखें शराबबंदी कानून को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नरम हुए हैं. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने पिछले दिनों विज्ञापन निकाला था, जिसमें 12 नवंबर तक सुझाव मांगा गया था. बड़ी संख्या में लोगों ने सुझाव दिये हैं. खासकर सामूहिक जुर्माना और पारिवारिक सजा को लेकर नाराजगी लोगों ने जताया है. साथ ही, कई लोगों ने कुछ शर्तों के साथ शराब पीने की छूट देने का भी आग्रह किया है.

14 नवंबर को जब मुख्यमंत्री ने लोक संवाद किया था, तो उसमें भी ये सब मुद्दे उठे थे. मुख्यमंत्री ने तब साफ कह दिया था कि पूर्ण शराबबंदी से कोई समझौता नहीं होगा. ऐसे में देखना है कि सर्वदलीय में आये नेताओं के किस तरह का सुझाव मिलता है और सरकार किस तरह उस पर अमल करती है.



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