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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date:15:49:36 PM / Sat, Jun 4th, 2016 |
धनबाद जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर महुदा में रहने वाले भोला सिंह की बेटी सुलेखा यहां सरकार से उम्मीद में वर्षों गुजर गए तो अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज ने अपने दम पर धनुष खरदीने की तैयारी शुरू कर दी। धनबाद की रहने वाली सुलेखा सिंह को धनुष के लिए घर से दूर रहकर मात्र पांच हजार की नौकरी करनी पड़ रही। झारखंड को राष्ट्रीय टूर्नामेंट में आधा दर्जन गोल्ड मेडल दिला चुकी सुलेखा सिंह के पास अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट खेलने लायक धनुष नहीं है यही नहीं सरकार के उपेक्षा के कारण कई खिलाड़ी छोड़ चुके हैं खेल ।
धनबाद जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर महुदा में रहने वाले भोला सिंह की बेटी सुलेखा पिछले सात साल से तीरंदाजी का अभ्यास कर रही। सुलेखा की प्रतिभा देख टाटा फीडर सेंटर में उसका चयन किया गया। वहां अपने खेल को निखारते हुए उसने राष्ट्रीय तीरंदाजी में गोल्ड जीते वही वर्ष 2013 में चीन में आयोजित कैडेट यूथ आर्चरी चैंपियनशिप में सुलेखा ने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया था ।
आज के इस समय में सुलेखा को अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए रिकव धनुष की जरूरत है जिसकी कीमत दो लाख रुपए है। घर की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि इतना महंगा धनुष खरीद सके इसी बीच सुलेखा को जानकारी मिली कि गिरिडीह जिले के जमुआ स्थित कस्तुरबा स्कूल में तीरंदाजी कोच की जरूरत है। आवेदन देने पर उनका चयन किया गया है लेकिन अभाव के इस समय में भी सुलेखा अपनी मेहनत से नए तीरंदाजों को मार्गदर्शन देते हुए अपना प्रेक्टिस जारी रखेगी । सुलेखा के पिता भोला सिंह महुदा में ही चाय की दुकान चालते हैं। पिता की हालत देखकर ही सुलेखा ने अपने दम पर धनुष खरीदने का निर्णय लिया है।
सुलेखा की इस दास्तां से उसके प्रशिक्षक व जिला सचिव भी काफी आहत हैं धनबाद जिला तीरंदाज संघ के सचिव की माने तो राज्य सरकार अपने कार्यो से राष्ट्रीय - अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी खो रहे हैं सरकार को चाहिए की ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ी को आर्थिक मदद करे ।
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