Breaking News
By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date:21:02:16 PM / Sat, Sep 24th, 2016 |
कानपुर : भारतीय टीम के पूर्व निदेशक रवि शास्त्री ने लोढ़ा समिति द्वारा प्रस्तावित तीन साल के ‘कूलिंग ऑफ' (दो बार पद पर आसीन होने के लिये तीन साल का अंतर) के बारे में अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे पूर्व क्रिकेटर बीसीसीआई प्रशासन में जुडने से बचेंगे.
शास्त्री को लगता है कि एक प्रशासक को कम से कम छह साल तक काम करने का समय मिलना चाहिए और स्पष्ट किया कि भारत जैसे बडे देश को ‘पांच चयनकर्ताओं' की जरुरत है, न कि तीन की, जिसकी उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित लोढ़ा पैनल द्वारा सिफारिश की गयी है. शास्त्री ने बातचीत के दौरान संजय मांजरेकर को बताया, ‘‘मुझे लगता है कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत की जरुरत है. इस संबंध में प्रयास किये जाने चाहिए और इसे एक दूसरे के खिलाफ द्वंद्व नहीं बनाना चाहिए. '
कमेंटरी के अलावा यह पूर्व कप्तान भारत के 500वें टेस्ट मैच के जश्न के मौके पर यहां उपस्थित है. शास्त्री ने स्पष्ट किया कि अगर इस तरह का नियम जैसे ‘दो बार पद पर आसीन होने के लिये तीन साल का अंतर' शामिल कर दिया गया तो कोई भी पूर्व क्रिकेटर बीसीसीआई प्रशासन पद से नहीं जुडेगा. उन्होंने पूछते हुए कहा, ‘‘मैं बीसीसीआई से क्यों जुडूंगा, अगर यह तीन साल तक बाहर रहने का नियम होगा? कोई भी तीन साल में क्या कर पायेगा? अगर मेरा पास कोई रचनात्मक विचार है और जो मैं कर सकता हूं तो आपको कैसे पता कि जो उस पद पर मेरे बाद आयेगा, वह उसे करने के लिये इतना योग्य होगा? '
उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैंने कोई बेहतरीन काम किया है तो इसके लिये मेरा सम्मान किया जाना चाहिए. अगर मुझे छह साल का कार्यकाल मिलता है तो इसमें कोई नुकसान नहीं. यहां तक कि भारत के राष्ट्रपति उम्मीदवार को पांच साल दिये जाते हैं. '
All rights reserved © 2013-2024 samacharnow.com
Developed by Mania Group Of Technology.