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चीजें, जो भाजपा को इस साल बदलनी ही होंगी

By समाचार नाउ ब्यूरो | Publish Date:18:11:29 PM / Fri, Jan 1st, 2016 |


बदलाव का पहला इशारा दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र की ओर से आया, जब वह अचानक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के जन्मदिन पर लाहौर पहुँचे। यह भाजपा के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहे साल के अंत में उठाया गया यह अनूठा कदम बन गया। प्रधानमंत्री की लाहौर यात्रा इसलिए भी अहम रही क्योंकि इससे नरेंद्र मोदी की अल्पसंख्यक-विरोधी छवि बदलने की इच्छा झलकती है। चूंकि पाकिस्तान के बारे में उठाया गया कोई भी कदम अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के साथ ही अंदरूनी राजनीति का भी मसला होता है। इसलिए प्रधानमंत्री को यह कोशिश बनाए रखनी चाहिए। प्रधानमंत्री की लाहौर यात्रा इसलिए भी अहम रही क्योंकि इससे नरेंद्र मोदी की अल्पसंख्यक-विरोधी छवि बदलने की इच्छा झलकती है। चूंकि पाकिस्तान के बारे में उठाया गया कोई भी कदम अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के साथ ही अंदरूनी राजनीति का भी मसला होता है। इसलिए प्रधानमंत्री को यह कोशिश बनाए रखनी चाहिए।साल 2015 में भारी चुनावी हार के लिए जिम्मेदार पार्टी अध्यक्ष को बदलना चाहिए। सत्ताधारी पार्टी के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के एक ही पार्टी से होने के नाते कुछ शक्ति का असंतुलन भी है।त्रिपरिषद का विस्तार और फेरबदल भी बहुत समय से लंबित है। कुछ मंत्रियों को हटाने की जरूरत है। अब चूंकि भाजपा जहां से प्रतिभावान लोगों को लाती है, वहां उनकी बहुतायत नहीं, इसलिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और पेशेवरों को सरकार में शामिल करने की जरूरत है। सरकार को शैक्षणिक-तकनीकी संस्थानों और उनके प्रबंधनों से धर्मनिरपेक्ष उदारवादियों को बाहर करने की नीति भी छोड़नी चाहिए। खासकर इसलिए भी क्योंकि जो भी बदलाव उन्होंने किए हैं उनकी गुणवत्ता और शैक्षणिक विशेषज्ञता अच्छी नहीं है। बेशक, जब तक सरकार महत्वपूर्ण पदों पर नाकाबिल लोगों को, उनकी वैचारिक प्रतिबद्धता की वजह से बैठाने की कोशिश करती रहेगी, उसका विरोध होता रहेगा।


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