Breaking News
By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date:19:09:33 PM / Thu, Jun 9th, 2016 |
श्रीनगर। कश्मीर घाटी में आतंक का साम्राज्य फैलाने के लिए आतंकवादियों की मुस्लिम देशों और संगठनों से मिलीभगत कोई नई बात नहीं है। बडे पैमाने पर हवाला, दो नंबर के कारोबार और अन्य दूसरे तरीकों से करीब 200 करोड़ रुपए से अधिक की राशि आतंक का धंधा चमकाने के लिए यहां पहुंचती है। जो बड़े स्थानीय नेता और उग्रवादी हैं उन्हें तो लाखों रुपयों का भुगतान होता है और वे इसे दोनों ही, भारतसरकार और आतंकवादी आकाओं, से वसूलते हैं लेकिन नए-नए आतंकवादी बने लड़कों को अपने पाकिस्तानी सहकर्मियों की तुलना में कम पैसा मिलता है, लेकिन जोखिम अधिक रहता है।
भारतीय और पाकिस्तानी आतंकवादियों को मिलने वाले पैसों में भी अंतर होता है। एक खुफिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी आतंकवादियों को ट्रेनिंग के लिए जहां 50 हजार रुपए दिए जाते हैं वहीं भारतीयों को यह रकम 10 से 25 हजार तक होती है। जब इनकी ट्रेनिंग खत्म हो जाती है और इन्हें 'फील्ड' में काम करने के लिए भेजा जाता है तो भारतीय आतंकवादियों को 3 से लेकर 10 हजार रुपए ही दिए जाते हैं जबकि पाकिस्तानियों को 15 हजार रुपए तक दिए जाते हैं।
बेकारी की हालत में यह धंधा अपनाने वाले लड़कों को तब और मुश्किल पड़ती है जबकि उन्हें काम के बदले नकली नोट दिए जाते हैं। बड़ी आतंकी घटना या धमाका करने वाले को इनाम में एक से लेकर 2 लाख रुपए दिए जाते हैं। लेकिन ये पैसे कब मिलेंगे, कोई नहीं जानता। आतंकवादियों से कहा जाता है कि उनके मरने (या शहीद) हो जाने पर पैसे उनके घरवालों तक पहुंचा दिए जाएंगे। लेकिन कुछेक महीनों के बाद यह रकम मिलना बंद हो जाती है।
आतंकवादी पैसे भेजने में भी बहुत सावधानी बरतते हैं क्योंकि एक साथ बड़ी रकम नहीं भेजी जा सकती है। इसलिए भुगतान थोड़ा-थोड़ा और किश्तों में दिया जाता है ताकि अगर पकड़ में आ जाएं तो कम से कम नुकसान हो। खाड़ी देशों की कंपनियां किसी तरह के उत्पादों की बिक्री की आड़ में पैसे भेजते हैं ताकि सरकार को इस तरह के लेनदेन पर शक न हो।
खुफिया एजेंसियों का कहना है कि घाटी में केवल पाकिस्तान से ही बड़ी रकम लाई जाती है। इनके अलावा, पंजाब, नेपाल और बांग्लादेश के जरिए भी पैदा पहुंचाया जाता है। आतंकवादी तकनीक का भी अच्छी तरह से इस्तेमाल करने लगे हैं, इसलिए लेन देन के लिए करोड़ों की राशि इंटरनेट के जरिए अपने मुकाम तक पहुंचती है।
All rights reserved © 2013-2024 samacharnow.com
Developed by Mania Group Of Technology.