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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date:21:04:04 PM / Sat, Sep 24th, 2016 |
रांची: झारखंड सरकार ने वैट के शिड्यूल-2 पार्ट बी और पार्ट डी की वस्तुओं पर टैक्स की दर में 0.5% की वृद्धि की. इससे आइसक्रीम, दूध से बनी चीजें, सीमेंट आदि की कीमत में इजाफा हो जायेगा. शुक्रवार को हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक में इसका फैसला लिया गया.
शिड्यूल-2 पार्ट बी की वस्तुओं पर 0.5 फीसदी वैट बढ़ा : कैबिनेट ने वैट के शिड्यूल-2 पार्ट बी की 167 वस्तुओं पर वैट की दर पांच प्रतिशत से बढ़ा कर 5.5 प्रतिशत कर दिया है. पर राज्य में इन 167 में कुछ वस्तुओं को कर मुक्त रखा गया है, इनमें दाल, चावल, आटा, सूजी आदि शामिल हैं. वैट में वृद्धि से इन वस्तुओं के दाम प्रभावित नहीं होंगे. हालांकि, आइसक्रीम, दूध से बनी चीजें, कैमिकल्स, कॉपर, आयरन ओर, एल्यूमिनियम, इलेक्ट्रॉड आदि पर की कीमतों में इजाफा होगा. शिड्यूल-2 के पार्ट सी में किसी तरह का संशोधन नहीं किया गया है. पार्ट-डी के शिड्यूल में शामिल वस्तुओं पर वैट की दर 14 से बढ़ा कर 14.5 प्रतिशत कर दी गयी है. इससे मोटर ह्वीकल, टीवी, फ्रिज, सीमेंट, स्टोन चिप्स जैसी वस्तुएं महंगी हो जायेंगी.
विधायकों का यात्रा भत्ता बढ़ा : कैबिनेट ने विधायकों का यात्रा भत्ता तीन लाख से बढ़ा कर पांच लाख रुपये करने का फैसला किया है. विधानसभा में इससे संबंधित घोषणा सरकार पहले ही कर चुकी थी. कैबिनेट ने विधायक योजना में प्रशासनिक व्यय के लिए 0.5 प्रतिशत के खर्च की व्यवस्था की है. इससे विधायक योजना की कुल राशि में से प्रशासनिक व्यय के रूप में करीब 1.31 करोड़ रुपये खर्च किये जा सकेंगे.
नक्शा पास करने के नियम में संशोधन: कैबिनेट ने नक्शा पास करने के नियमों में आंशिक संशोधन किया है. माडा और आरआरडीए को भी इसमें शामिल किया गया है.
पहले इसमें केवल स्थानीय निकाय ही शामिल थे. अब माडा और आरआरडीए के अधीन 500 वर्गमीटर पर निजी मकान बनाने के लिए अनुबंधित आर्किटेक्ट से ही नक्शा पास कराया जा सकेगा. पांच अप्रैल 2016 से पहले राज्य में जिन लोगों ने नक्शा पास करने का आवेदन दिया था, उनका नक्शा पुराने बाइलॉज के अनुसार ही पास होगा. लेकिन वे अपने आवेदन में कोई नये कागजात नहीं जोड़ सकेंगे. इस तरह के मामलों को तीन माह में निबटाने का आदेश दिया गया है. अगर आवेदक चाहे तो नये बिल्डिंग बाइलॉज के तहत भी आवेदन दे सकता है.
व्यापारियों को मिली बड़ी राहत
कैबिनेट ने व्यापारियों को राहत पहुंचाने के लिए असेसमेंट से मुक्त करने की सीमा एक करोड़ से बढ़ा कर दो करोड़ रुपये कर दी है. इससे करीब 88 %निबंधित व्यापारी असेसमेंट से मुक्त हो जायेंगे. इसके लिए संबंधित व्यापारियों के लिए अपनी व्यापारिक गतिविधियों में सभी प्रकार के प्रपत्रों का सही-सही इस्तेमाल करने की बाध्यता होगी. स्क्रूटनी का प्रावधान लागू रहेगा. कैबिनेट ने देर से टैक्स देनेवाले व्यापारियों पर लगाये जानेवाले सूद की दर पांच प्रतिशत प्रति माह की जगह घटा कर दो प्रतिशत कर दिया है. पांच लाख के बदले अब 10 लाख व उससे ऊपर के टर्न ओवरवाले व्यापारियों के निबंधन की बाध्यता तय की है.
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