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निजीकरण के खिलाफ 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रव्यापी हड़ताल

By samachar now bureau | Publish Date:17:13:19 PM / Wed, Sep 2nd, 2015 |


केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों में बदलाव और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण के खिलाफ 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने से पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, केरल और कर्नाटक सहित देश के विभिन्न हिस्सों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ. सार्वजनिक क्षेत्र के 23 बैंक, निजी क्षेत्र के 12 बैंक, 52 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एवं 13,000 से अधिक सहकारी बैंक आज हड़ताल में शामिल हुए हैं. हालांकि एसबीआई, आईओबी, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक हड़ताल में शामिल नहीं हुए हैं. इस हड़ताल से देश के कई राज्यों को भारी आर्थिक नुकसना हुआ इसके अलावा सामान्य जनजीवन भी बेहद प्रभावित रहा. पढ़िये किन शहरों और राज्यों में रहा हड़ताल का खास असर. एनएमडीसी में हड़ताल से लौह अयस्क का उत्पादन 75,000 टन घटा केंद्र की आर्थिक नीतियों के खिलाफ 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा की गई एक दिन की देशव्यापी हड़ताल से सार्वजनिक क्षेत्र की एनएमडीसी का लौह अयस्क का उत्पादन करीब 75,000 टन घट गया. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘ कंपनी के 4,200 कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा लिया जिससे छत्तीसगढ और कर्नाटक में उत्पादन करीब 75,000 टन प्रभावित हुआ.\' हालांकि, उन्होंने कहा कि इस हड़ताल से कुल उत्पादन लक्ष्य पर असर नहीं पडेगा. विशाखापत्तनम स्थित राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) के एक अधिकारी ने कहा कि कंपनी के 12,000 कर्मचारियों में से करीब 80 प्रतिशत कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए. वहीं तेलंगाना स्थित सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी के 58,000 कर्मचारियों में से 80 प्रतिशत कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए. हड़ताल से जनजीवन प्रभावित, बंगाल, केरल, त्रिपुरा में सबसे अधिक कोलकाता में कैसा रहा असर कोलकाता में उपनगरीय ट्रेनों पर आंशिक असर देखा गया, जबकि ज्यादातर इलाकों में दुकानें, बाजार और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद हैं. राज्य प्रशासन बडी संख्या में सार्वजनिक परिवहन की बसें चला रहा है, जबकि निजी बसों व टैक्सियों के परिचालन पर आंशिक असर देखा गया. दक्षिण पूर्व रेलवे की ट्रेन सेवाएं सामान्य रहीं, जबकि पूर्वी रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि कुछ जगहों पर अवरोध खडे किए जाने से सियालदह दक्षिण खंड में उपनगरीय सेवाएं कुछ समय के लिए प्रभावित हुईं. अधिकारियों ने कहा कि मेट्रो रेल सेवाएं सामान्य रुप से चालू रहीं. वहीं ज्यादातर इलाकों में दुकानें, बाजार और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे. राज्य प्रशासन बडी संख्या में सार्वजनिक परिवहन की बसें चला रहा है जबकि निजी बसों व टैक्सियों को भी चलते देखा गया है. हालांकि अन्य दिनों के मुकाबले इनकी संख्या कम है. दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी में लोगों को समस्याओं का सामना करना पड रहा है क्योंकि बडी संख्या में आटो और टैक्सी नहीं चल रहे हैं. केरल में सरकारी और निजी बस सेवाएं, टैक्सी व आटोरिक्शा नहीं चल रहे. केवल कुछ निजी कारें व दोपहिया वाहन सडकों पर दिखाई दे रहे हैं. राज्य में दुकानें, होटल और यहां तक कि चाय की दुकानें तक बंद हैं. त्रिपुरा में सडकों पर वाहन नहीं चल रहे, जबकि बाजार बंद हैं. राज्य में बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थान, स्कूल व कालेज बंद हैं और सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति बहुत मामूली है. ओएनजीसी इकाई और त्रिपुरा जूट मिल के प्रवेश द्वार बंद हैं. कर्नाटक कर्नाटक में हड़ताल से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है और राज्य सरकार के परिवहन विभाग के कर्मचारी प्रस्तावित मोटर विधेयक के खिलाफ हड़ताल में शामिल हुए हैं जिससे सडकों से बस व आटोरिक्शा नदारद है. इससे आफिस जाने वाले लोगों व अन्य लोगों को असुविधा का सामना करना पड रहा है. पुदुचेरी में हड़ताल का असर दिखाई दे रहा है, लेकिन तमिलनाडु बहुत हद तक इससे अप्रभावित है. राज्य सरकार के परिवहन विभाग के कर्मचारी प्रस्तावित मोटर विधेयक के खिलाफ हड़ताल में शामिल हुए हैं जिससे सडकों से बस व आटोरिक्शा नदारद है. इससे आफिस जाने वाले लोगों व अन्य लोगों को असुविधा का सामना करना पड रहा है. दूसरी जगहों से यात्रा कर यहां आए लोग रेलवे स्टेशन व बस अड्डों पर इधर उधर फंसे हैं. विद्यार्थियों को असुविधा न हो, इसके लिए स्कूलों व कॉलेजों ने आज अवकाश घोषित किया है. पंजाब हरियाणा और चंडीगढ़ पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ में सार्वजनिक परिवहन जैसी कई सेवाएं आंशिक रुप से प्रभावित हुई हैं. लोगों को आवागमन में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड रहा है. हालांकि निजी बसें चल रही हैं.आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सचिव डी.एल. सचदेव ने गुडगांव में कहा कि पांच लाख औद्योगिक कामगार हड़ताल पर हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आंदोलन के चलते कर्मचारी मारुति सुजुकी के कारखाने में नहीं आए और राजस्थान रोडवेज के कर्मचारी भी हड़ताल में हिस्सा ले रहे हैं. मानेसर में होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर का संयंत्र बंद है. गोवा आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के महासचिव गुरदास दासगुप्ता ने कहा, ‘‘ हड़ताल का देशभर में असर हुआ है. कई इलाकों में बीएमएस के लोग भी हड़ताल में शामिल हुए हैं. कई स्थानीय एवं सबद्ध यूनियने भी हड़ताल में शामिल हुई हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ हड़ताल से पता चलता है कि लोग सरकार की कर्मचारी विरोधी नीति से कितना अधिक क्षुब्ध हैं.\' गोवा में सुबह सडकों पर सन्नाटा पसरा था क्योंकि निजी बसें व सरकारी कदंबा ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन की बसें सडकों पर नहीं चलीं. वहीं दिल्ली में लोगों को कई जगहों पर आटोरिक्शा के लिए घंटों इंतजार करते देखा गया. ओड़िशा ओडिशा में कई जगहों पर ट्रेन सेवाएं कुछ समय के लिए बाधित हुईं क्योंकि आंदोलनकारियों ने कटक, भुबनेश्वर, संबलपुर, भद्रक, छत्रपुर और खालीकोट जैसे रेलवे स्टेशनों पर मार्ग अवरद्ध कर दिए. सरकार ने ट्रेड यूनियनों से कामगारों व राष्ट्र के हित में अपना आंदोलन वापस लेने की कल अपील की थी. हालांकि यूनियन


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