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शीतकालीन सत्र संपन्न
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samachar news bureau | Publish Date:18:18:03 PM / Wed, Dec 23rd, 2015 |
मंगलवार को सदन की पहली पाली में इंतेजार अली मामले में शामिल दीपू खान और 514 नौजवानों को फरजी नक्सली बनाये जाने का मामला सदन में गूंजा़ झाविमो विधायक प्रदीप यादव ने ध्यानाकर्षण के तहत दोनों मामले लाये थे़ जवाब देते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि इंतेजार अली मामले में उन्होंने सीआइडी जांच करायी़ जांच रिपोर्ट आने के बाद इंतेजार अली रिहा हुए़ दूसरे मामले में भी जांच हुई़ मामला कोर्ट में भी है़ राज्य सरकार जांच करा रही है़ दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होगी़ .
इससे पहले श्री यादव ने कहा कि मुखबिर दीपू खान और फरजी नक्सली के रूप में पेश कर 514 युवकों को सरेंडर कराने का मामला पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल है़ इंतेजार अली को आतंकवादी बता कर गिरफ्तार किया गया़ मुखबिर दीपू खान ने बताया है कि वह पिछले कई वर्षों से बड़े पुलिस अधिकारियों के लिए काम करता रहा है़ वह इस तरह की घटना को अंजाम देता रहा है़ पूरे मामले में बड़े पुलिस अधिकारी शामिल है़ं इसका खुलासा होना चाहिए़ झाविमो विधायक ने कहा कि गरीब आदिवासी, दलित और पिछड़े युवकों को नक्सली बता कर नौकरी देने के नाम पर दो-दो लाख रुपये वसूले गये़ पुलिस के आला अधिकारियों की मिलीभगत थी़ सरकार ने सीबीआइ जांच के लिए पहले लिखा़ इसके बाद फिर सीबीआइ से केस वापस करने का आग्रह किया़ सरकार के अधिकारी ने पत्र भी लिखा है़
प्रभारी मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि यह मामला पिछले सत्र में भी उठा था़ सरकार ने सीबीआइ जांच की बात कही थी, लेकिन सीबीआइ ने खुद कहा कि उसके पास पहले से बहुत केस है और मामला लेने से इनकार किया़ इंतेजार अली मामले में भी पुलिस के लोगों को निलंबित किया गया है़ फरजी नक्सली मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही है़ इस पर विधायक प्रदीप यादव का कहना था कि सरकार ने एनजीओ के लोगों को बंद किया है़ बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं कर रही है़ अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे में है़ सरकार में हिम्मत है, तो कार्रवाई कर दिखाये़ सरकार सीटिंग जज के नेतृत्व में एसआइटी का गठन कर जांच कराये़ इस मामले में एसआइटी से कम कुछ नहीं स्वीकार करेंगे़ सरकार जांच के नाम पर लीपापोती कर रही है़
मामले में मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये जवाब से प्रदीप यादव संतुष्ट नहीं थे़ उन्होंने कहा कि बड़े पुलिस अफसर है़ं मुख्यमंत्री के आगे पीछे घूमने वाले लोग हैं, इसलिए कार्रवाई नहीं हो रही है़ एसआइटी से कम कुछ स्वीकार नहीं है, यह कहते हुए प्रदीप यादव सदन का बहिष्कार करते हुए बाहर निकल गये़.
ध्वनिमत से गिरा प्रदीप यादव का प्रस्ताव
प्रदीप यादव ने गैर सरकारी संकल्प के दौरान सरकार से पीटीपीएस के लिए एनटीपीसी और झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के बीच हुए एकरारनामे को रद्द करने की मांग की. जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि यह समझौता राज्यहित में किया गया है. इससे राज्य को 24 घंटे बिजली मिलेगी. सरकार के आग्रह के बाद भी श्री यादव ने प्रस्ताव को वापस लेने से इनकार कर दिया. इसके बाद ध्वनित से श्री यादव के प्रस्ताव को सदन ने खारिज कर दिया.
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