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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date:17:51:06 PM / Fri, Jun 24th, 2016 |
20 जुन की बीआईटी थाना क्षेत्र के नेवरी की रात का खौफ आज भी जिंदा है। तीन दिन बीतने के बाद भी यंहा बड़े और बच्चों की चीख गूंज रही है। उस खौफनात रात का मंजर आज भी वंहा के लोगों के दिलों में घर कर गया है। जिससे उबरना तो लोग चाहते है लेकिन दहशतगर्दी की तश्वीरें लोगों को दहशत के साये में जीने के लिए मजबूर कर चुकी है। -नेवरी के पिपरा चौड़ा बस्ती,जंहा 20 जुन को कहर बन कर दहशतगर्दों ने पूरे बस्ती को आग के हवाले करके खाक कर दिया था । बड़े ,बुजुर्ग की चीख और मासूम बच्चों के किलकारियां इस बस्ती में गूंज रही है। लोगों की आँखें उस काली रात को याद करके नम हो जाती है ,जब लोगों का बसा बसाया आशियाना उजड़ गया और असहाय लोग अपने आशियाने को उजड़ता देखते रहे और कुछ नहीं कर पाए । पिछले तीन दिनों से खाक में मिली इस बस्ती के लोगों का जीना मुहाल हो गया है। रोजा रमजान के माहौल में इस बस्ती में मातम छाया हुआ है ,क्योंकि रोजेदारों का सब कुछ लूट गया है और यंहा दाने दाने को मोहताज हो गए है। जिनके घर उजड़े है उनके पास कुछ भी नहीं बचा जिससे वो अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर सके। इस बस्ती में रहने वाले लोगों का गुजर बसर करना तो मुहाल है ही लेकिन ख़ौफ़ उससे भी ज्यादा।आलम ये है कि शाम होते ही लोग अपने घरों में दुबक जाते है और अगर कोई भी आहाट होती है तो लोग दहशत में आ जाते है।क्योंकि यंहा के लोगों ने जिस तरह उस काली रात को जिया है उसका जेहन से निकलना बेहद मुश्किल हो गया है।
कहते है जिसका कोई नही उसका तो खुदा है यारों,लेकिन ये कहावत भी इस बस्ती के लिए नगवारा ही साबित हो रही है। ना ही इस घटना की सरकार सूद ले रहा है और ना ही इन बस्ती वालों की मदद के लिए कोई आगे आ रहा है। हालात बद से बदत्तर होते जा रहे है और यंहा के लोगों का एक एक पल काटना मुश्किल हो रहा है।
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