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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date:11:52:53 AM / Thu, Jun 30th, 2016 |
रांची : सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के आलोक में राज्य पर सालाना 2902 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ने का अनुमान है. फिलहाल राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर कुल 12285 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा लागू होने पर यह खर्च बढ़ कर 15187 करोड़ रुपये हो जायेगा. राज्य के विकास आयुक्त सह अपर मुख्य वित्त सचिव अमित खरे ने यह जानकारी दी.
अमित खरे ने बताया : राज्य में फिलहाल एक लाख 62 हजार 232 सरकारी कर्मी हैं. इनके वेतन पर 8199 करोड़ का खर्च है. राज्य में सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा को लागू किये जाने के बाद वेतन पर 10065 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. फिलहाल सरकारी कर्मचारियों की पेंशन पर 3969 करोड़ रुपये का खर्च है. यह भी बढ़ कर 4922 करोड़ हो जायेगा. राज्य में संविदा पर भी कर्मचारी कार्यरत हैं. इन कर्मचारियों के वेतन भत्ता पर 117 करोड़ रुपये का खर्च है. इनके वेतन भत्ते का खर्च भी बढ़ कर 200 करोड़ रुपये हो जायेगा. राज्य में सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा को लागू किये जाने के सिलसिले में उन्होंने कहा : यह सरकार की मरजी पर है कि वह इस कब से लागू करे. राज्य कैबिनेट की सहमति के बाद इसे लागू किया जायेगा.
समय सीमा में लागू होगी अनुशंसा : रघुवर
7 वें वेतन आयोग की सिफारिश लागू किये जाने पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्र सरकार को बधाई दी है. साथ ही कहा है कि झारखंड सरकार समय सीमा में अपने प्रदेश में इसे लागू करने का प्रयास करेगी.
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