Breaking News

गंगा नदी खतरे के निशान के ऊपर, पटना में बाढ़ का खतरा बिहार में बाढ़- 4 किमी नांव की डोली बना अपनी दुल्हन लेने पहुंचा लड़का चिराग को छोड़कर गए लोगों का नहीं है कोई जनाधार- कांग्रेस सुशांत मामले को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव का बयान, राजगीर मेंं बनने वाली फिल्म सिटी का नाम हो सुश बिहार में बाढ़ से 22 जिलों की हालत बदहाल, 82 लाख लोग हुए हैं प्रभावित सुशांत सिंह मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, सीबीआई करेगी मामले की जांच नीतीश कुमार ने दिया शिक्षकों को तोहफा, पूरे बिहार में कहीं भी ले सकते हैं तबादला नीतीश सरकार ने नियोजित शिक्षकों की नई सेवा शर्त लागू कर खेला 'मास्टर स्ट्रॉक' MenstrualHygieneDay पर जागरूकता के लिए उठाए जा रहे कदम, पर कम नहीं आलोचनाओं का जोर जद (यू0)- दलित-महादलित प्रकोष्ठ की राज्य कार्यकारिणी की संयुक्त बैठक गया में युवती से बलात्कार के बाद हत्या नियोजित शिक्षकों ने कहा जल्द उनकी मांगें पूरी नहीं तो आंदोलन आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका का हड़ताल काफी दुखद- कृष्ण नंदन वर्मा मोतिहारी- २०१९ की चुनाव तैयारी में जुटा जिला प्रशासन रामगढ़- पतरातू डैम परिसर में अवैध पार्किंग टिकट के नाम पे वसूली


दो लफ़्ज़ों की कहानी, फ़िल्म के संवाद बी ग्रेड

By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date:17:51:04 PM / Sat, Jun 11th, 2016 |


इस सप्ताह रिलीज़ हुई टिकट खिड़की पर  दूसरी फ़िल्म दो लफ़्ज़ों की कहानी भी कोरियाई फ़िल्म का हिंदी रीमेक है.फ़िल्म को भले ही कोरियाई फ़िल्म का रीमेक बताया जा रहा है लेकिन फ़िल्म की कहानी और उसके दृश्य 90 के दशक की रटी रटाई बॉलीवुड फिल्मों से पूरी तरह से प्रेरित नज़र आते हैं. यह एक लव स्टोरी फ़िल्म है.जिसको पश्चताप और त्याग के भारी भरकम और हिंदी फिल्मों में सबसे ज़्यादा घिसे गए इमोशन से बुना गया है.

 

फ़िल्म की कहानी की बात करे तो मलेशिया के बैकड्रॉप पर बनी यह फ़िल्म बॉक्सर स्ट्रोम (रणदीप हुड्डा)की कहानी है . जिसके अच्छे से बुरे फिर बुरे से अच्छे बनने की जर्नी को फ़िल्म में दिखाया गया है. किस तरह से उसका बुरा अतीत उसके सामने आ खड़ा होता है जब वह किसी के प्यार में है और ज़िन्दगी को नए सिरे से जीना चाहता है ऐसे में  वह खुद को मिटाकर प्रयाश्चित करने का फैसला लेता है इसी को फिल्म की कहानी में दिखाया गया है.

 

ऐसी कहानी हम हिंदी फ़िल्म के दर्शक कई बार देख चुके हैं इसलिए फ़िल्म का हर सीन  पूर्व अनुमानित है.निर्देशक दीपक तिजोरी 90 के दशक में फिल्मों में अभिनय करते थे उस दौर को उन्होंने अपने निर्देशन की इस फ़िल्म में चस्पा किया है.अभिनय की बात करें तो रणदीप हुडा इस फ़िल्म की एकमात्र उम्मीद है.बॉक्सर के किरदार के लिए उन्होंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ा है.उनकी मेहनत दिखती है. काजल अग्रवाल के अभिनय को देखकर उनसे चिढ़ सी होती है.उनका लगातार बातें करना कानों में चुभता है. 

 

आँखें की रौशनी होने या न होने से फ़िल्म में उनके अभिनय पर ज़्यादा फर्क नहीं पड़ता है.दूसरे किरदार फ़िल्म में खानापूर्ति करने भर है.फ़िल्म के संवाद किसी बी ग्रेड फ़िल्म की याद दिलाते हैं. तुम्हारी क़ुरबानी और उसकी जवानी को जाया नहीं होने दूंगा.फ़िल्म का गीत संगीत औसत है जबकि लव स्टोरी फ़िल्म की सबसे बड़ी मांग अच्छा गीत संगीत होता है.फ़िल्म के दूसरे पक्ष ठीक ठाक हैं.कुलमिलाकर यह फ़िल्म पूरी तरह से निराश करती है.



Related News


मैं भी कास्टिंग काउच का शिकार हो चुकी हूं-माही गिल

8 मई को विवाह बंधन में बंधेंगी अभिनेत्री सोनम कपूर

जब विद्या को देखकर लड़के ने की गन्दी हरकत-

17 साल की शाहरुख की बेटी सुहाना दिखीं बिकनी में-तस्वीर

किस करने के बाद इमरान हाशमी को होती थी चिंता

जिस्म मेरा है तो रूल्स भी मेरे ही चलेंगे: विद्या

बेगम जान पाकिस्तान को नापसंद है

मुझे घबराहट हो रही है - सुनील ग्रोवर ने

24 घंटे के अंदर ही 'बाहुबली-2' ट्रेलर

बादशाह खान ने इंडस्ट्री में 25 साल पूरे करने

पत्नी के बचाव में उतरे शाहिद कहा पपी पर कमेंट

2020 तक 20 अरब डॉलर का होगा भारत-ब्रिटेन व्यापार

Follow Us :

All rights reserved © 2013-2025 samacharnow.com