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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Tue ,29 Aug 2017 08:08:36 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो नई दिल्लीः कालेधन पर रोक और सोने की कालाबाजारी रोकने के लिए सरकार अब सर्राफा कारोबारियों और जौहरियों पर भी सख्त हो गई है। सरकार ने दो करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार करने वाले सभी सर्राफा कारोबारियों और जौहरियों को धनशोधन निरोधक कानून (पी.एम.एल.ए.) के दायरे में लाने का फैसला किया है। सरकार ने 23 अगस्त को इस बारे में अधिसूचना जारी की थी।
सर्राफा कारोबार में गोलमाल की आशंका
सरकार को आशंका है कि नोटबंदी और जी.एस.टी. लागू होने के बावजूद सराफा कारोबार में गोलमाल हो रहा है जिसे रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। सरकार के इस फैसले से सर्राफा बाजार में हड़कंप मचा है। हालांकि किसी ने इस फैसले का खुलकर विरोध करने की हिम्मत नहीं दिखाई है। दरअसल कारोबारी इस कानून के नाम से घबरा रहे हैं। उन्हें आशंका है कि अधिकारी इसका दुरुपयोग कर सकते हैं। साथ ही सरकार ने नकद खरीद सीमा 2 लाख रुपए से घटाकर 50 हजार रुपए कर दी।
50 हजार के ऊपर लेनदेन पर पैन जरुरी
ज्वैलर्स एसोसिएशन का कहना है कि पी.एम.एल.ए. के हिसाब से अब हर सर्राफा कारोबारी और जौहरी के लिए 50 हजार रुपए के ऊपर के प्रत्येक लेनदेन पर पैन अनिवार्य है। अभी तक पैन कार्ड की लिमिट दो लाख रुपए रखी गई थी। इसका मतलब यह हुआ कि सरकार ने दो लाख रुपए की सीमा को घटाकर 50 हजार रुपए कर दिया। इससे विशेषकर ग्रामीण इलाकों के जौहरियों को परेशानी होगी। बता दें कि वित्तीय नियामकों के एक पैनल ने यह प्रस्तावित किया है कि सोने की हर खरीद-फरोख्त लिए पैन कार्ड अनिवार्य हो। अगर सरकार इससे सहमत होती है तो सोने की खरीद भले ही कितनी भी राशि की हो इसके लिए पैन कार्ड जरुरी हो सकता है।
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